देहरादून: उत्तराखंड में तराई के संस्थापक पंडित राम सुमेर शुक्ल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
इस दौरान राज्यपाल ने विशिष्ट कार्य करने वाले सात महानुभावों को सम्मानित किया। जिसमें कृषि कार्य के लिए चौधरी सत्येंद्र सिंह, पुलिस विभाग से एसआई कमलेश भट्ट, स्वास्थ्य विभाग से एएनएम दीपा जोशी, नानकमत्ता गुरुद्वारे के प्रधान हरबंस सिंह चुघ, उद्योग के क्षेत्र में वीरेंद्र कुमार जिंदल, खेल के क्षेत्र में मनोज सरकार व चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर अश्वनी चौबे को बुके, स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जिन्हें मंच से सम्मानित किया गया, उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने इस दौरान कहा कि तराई की इस भूमि में अलग ही नशा है। यह भूमि पहले जंगल थी और यहां बहुत सी मुश्किलें थीं। इसे इस रूप में लाने में जिन्होंने परिश्रम किया उनका अलग ही स्थान है। एक खुशहाल जगह बनाने वाले पूर्वजों के लिए सभी जोरदार ताली बजाएं। इसमें पंडित राम सुमेर शुक्ल व उनके परिवार का एक अलग योगदान है। गोरखपुर में जन्म लेकर रंगून और लाहौर की यात्रा तय करने वाले पंडित राम सुमेर शुक्ला ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। अमृत महोत्सव में ऐसे सपूतों को याद करके वाहेगुरु से अरदास करते हैं।
कहा कि जिस गति से विकास हो रहा है, भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है। पंतनगर पूरे संसार का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय है। अगली बीज क्रांति यहीं से आएगी। उन्होंने कहा कि किच्छा में एम्स और काशीपुर में आईआईएम की स्थापना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
इस मौके पर मेयर रामपाल सिंह, दिनेश शुक्ला, मनीष शुक्ला, अभिषेक तिवारी भारत भूषण चुघ सहित कई लोग मौजूद रहे।