बल #मुख्यमंत्री जी,
क्या राज्य के #शिक्षा_मंत्री जी कुछ खबर लेंगे ?
धुर पहाड़ का एक विद्यालय है, राजकीय इंटर कॉलेज, श्रीकालखाल l विद्यालय में संचालित कक्षा 12 विज्ञान वर्ग में छात्रों की कुल संख्या 23, खबर है कि बोर्ड परीक्षा बता रहा है कि विद्यालय में संचालित विज्ञान वर्ग की कक्षा 12 में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ l सबके सब विद्यार्थी एक ही विषय #भौतिक विज्ञान में अनुत्तीर्ण l इन सबके बीच फेल हुए छात्र बता रहे है कि जिस अध्यापक को भौतिक विज्ञान के कालांश आवंटित थे वो अध्यापक पूरे साल मे एक दिन भी कक्षा में पढ़ाने को नहीं आया, अब बच्चे अपने मन से पढ़ते भी तो कितना, जितना पढ़ा होगा उतना कॉपी में लिख भी दिया होगा l
ऐसा क्यों कर हुआ होगा, ये तो #खण्ड_शिक्षा_अधिकारी लगायत #निदेशक#माध्यमिक_शिक्षा ही बेहतर बता सकते हैं l उनके प्रबन्धन पर जब सवाल खड़े होंगे तो बहुत से कागज पत्तर भी चलेंगे, लेकिन नतीजा क्या होगा यह सब जानते हैं l
ये कहानी धुर पहाड़ के किसी एक विद्यालय की नहीं है नेताओं और अधिकारियों के प्रिय जुगाडबाज शिक्षको ने जिस तरह से पुरी पहाड़ की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है,वह चिंतनीय है l इन सबके बीच विभागीय मंत्रियों और निदेशालय में बैठने वाले अधिकारियों के द्वारा पिछले 17 सालों में किये गए अभिनव प्रयोग ऐसे प्रकरणों में और ज्यादा वृद्धि कर रहा है l आखिर राजकीय इंटर कॉलेज, श्रीकालखाल के उन 23 नवयुवकों के भविष्य से खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन, वह विषय अध्यापक या वे अधिकारी मंत्री जिनकी नीतियों से उन छात्रों पर फेल का ठप्पा लग गया l
बेहतर होता विभागीय मंत्री ड्रेस कोड जैसे निरे वाहवाही वाली खबरों से बाहर निकल कर राज्य में सरकारी शिक्षा कैसे बेहतर हो, इसको लेकर खंड लगायत निदेशालय में निठल्ले बैठने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने को कोई नीति लाते, वर्तमान व्यवस्था में किसी विद्यालय का परीक्षा परिणाम खराब होने पर सम्बन्धित शिक्षक के साथ ही अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय होती,तो आज श्रीकालखाल की तरह राज्य के तमाम दुसरे स्कूल साल दर साल बर्बाद नहीं हो रहें होते l
written by Chandra Shekhar Kargeti