बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आदर्श उदाहरण, जी0आई0सी0 कोटद्वार

कोटद्वार- ज भी हमारे समाज का एक हिस्सा ऐसा है जो अपनी बेटियों को पढ़ाना लिखाना नहीं चाहता बल्कि सिर्फ घर के चूल्हे चौके तक ही सीमित रखना चाहता है लेकिन समाज में कुछ लोग ऐसे भी है जो बेटियों को समाज में लड़कों के बराबर ही मान सम्मान , शिक्षा व रोजगार देने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है। जिन घरों में बेटियो को पढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाती उनके परिवार वालो को समझाना बेहद मुश्किल होता है लेकिन जो लोग इस छेत्र में काम कर रहे है वो भी हमारे बीच से ही होते है। ऐसा ही एक उदाहरण कोटद्वार में भी है जहा जी0आई0सी0 नजीबाबाद रोड (लाल बत्ती चौराहा) के प्रधानाचार्य जगमोहन रावत और अध्यापक संतोष नेगी ने बालिका इंटर कॉलेज और आर्य कन्या की ही तरह अब गरीब परिवार की लड़कियों को अपने विद्यालय में प्रवेश देना शुरू कर दिया है। साथ ही कई संस्थाओं और व्यक्तियो से सहयोग लेकर उनकी ड्रेस, कॉपी-किताब का खर्च भी भर रहे है। इसके साथ ही उनके आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी स्वयं के खर्चे से कर रहे हैं।इस तरह विद्यालय में लड़कियों के लिए शिक्षा पूर्णतः निशुल्क है।

स्कूल के प्रधानचार्य जगमोहन रावत का कहना है समाज को आगे बढाने के लिए लड़का लड़की दोनों की ही भागीदारी जरुरी होती है और उसके लिए लड़को की ही तरह लड़कियो का भी शिक्षित होना जरुरी है इसी लिए हम लोग झुग्गी झोपड़ियों, व पिछड़े इलाकों में जाकर गरीब परिवारों से मिलकर उनकी बेटियो को पढ़ाने के लिए अपील कर रहे है साथ ही ये भी बताया कि विद्यालय में महिला शिक्षक होने के साथ लड़कियों के लिए अलग  सौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था व अन्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रक्खा गया है। वहीं इस कार्य में सहयोग कर रहे विद्यालय के ही शिक्षक संतोष नेगी का कहना है कि लड़कियो के लिए संचालित कई विद्यालय ऐसे है जहा उनकी पसंद के विषय उपलब्ध नहीं है जिससे कई बार घरवाले दूसरी जगह पढ़ने के लिए दूर नहीं भेजते या खर्च करने की हिम्मत नहीं कर पाते। ऐसे में यदि वो विषय हमारे विद्यालय में मिल जाते है तो उनको आगे चलकर अपनी राह चुनने में और पढ़ने में आसानी होगी। इसके साथ ही यदि किसी लड़की का भाई हमारे विद्यालय में पहले से ही पढता है तो दोनों भाई बहनों को साथ आने जाने में भी आसानी होगी। और फ़िलहाल कई स्थानो पर लड़कियो के आने जाने की निशुल्क वाहन की व्यवस्था की गयी है और जनता से अपील की गयी है कि यदि वो इस तरह के कार्यो में सहयोग देना चाहते है तो विद्यालय में आकर संपर्क भी कर सकते है।

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