दूषित नदी में तैरकर गरीब बच्चों को पढ़ाने आता है ये शिक्षक

जीवन मे भले ही हर कोई आपका साथ छोड़ दे पर एक चीज ऐसी है कि अगर वो आपके साथ है तो कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नही रोक सकती और वो चीज है आपकी शिक्षा। जो आखरी समय तक आपके काम आती है। और आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे शिक्षक के बारे में जिन्होंने गरीब असहाय बच्चो को पढ़ाने के लिए वो किया जो शायद ही कोई कर सके।

उन्होंने शिक्षा के महत्त्व को एक अलग ही आयाम दे दिया है| वो आदमी खुद ‘शिक्षक’ है लेकिन शिक्षा और अपने ज्ञान को बांटने का ऐसा जूनून है की वो यह भी परवाह नहीं करता कि उसे शिक्षा को बांटने के लिए एक दूषित नदी को पार करना होता है|

मालापुरम में रहने वाले अब्दुल मलिक ने यह कारनामा कर दिखाया है| वो अपने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए गले में टायर डाले, हाथ में टिफिन लिए, एक गन्दी नदी को रोजाना पार करते हैं| मँजेरी के पास स्थित, अनककयम पंचायत के पेरुमबलम के अब्दुल मलिक के इस कार्य में वैसे लोगों को कोई खासी दिलचस्पी नहीं है लेकिन वह उन लोगों के लिए उदाहरण और प्रेरणादायक हैं जो समाज में शिक्षा के प्रसारण को अग्रसर हैं|

बता दें कि मलिक दूषित नदी पार करते हुए अपना 1 घंटा और 30 रूपए भी बचाते हैं| वह अपने कपड़े नदी के तट पर ही सुखाते हैं| उन्हें वहां से स्कूल पहुँचने में 10 मिनट लगते हैं|

Previous articleयूपी- उत्तराखण्ड परिसंपत्तियों के बटवारे में उत्तराखण्ड को मिलेगी निराशा
Next articleभूस्खलन से आये मलबे में कार दबने से पांच की मौत