देहरादून: देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम चल रही है I भक्त अलग-अलग तरीके से अपने घरों में गजानन का स्वागत कर रहे है I शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के साथ पांडालों में धूमधाम के साथ गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना की गई। 31 अगस्त से शुरू ये पर्व नौ सितम्बर तक चलेगा I
राजधानी देहरादून में श्रीगणेश की मूर्तियों की सुंदर दुकानें सजी हैं। चकराता रोड, राजपुर रोड, पलटन बाजार, धर्मपुर समेत शहरभर के छोटे-बड़े बाजारों में घरों में स्थापित करने वालीं छोटी मूर्तियां उपलब्ध हैं।
वहीं तीर्नगरी ऋषिकेश में बुधवार से प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की जय-जयकार शुरू हो गई है। इस दौरान जहां बाजारों में रौनक देखने को मिली, वहीं लोगों ने विधि विधान के साथ गणपति को स्थापित किया। लक्ष्मणझूला मार्ग स्थित बगलामुखी पीठ में गणेश महोत्सव पर भगवान गणेश की नौ फीट ऊंची मूर्ति की स्थापना की गई साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न कराए गए।
पूजा करने का उचित योग
ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने कहा कि श्री गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर रात में चंद्रदेव के दर्शन नहीं करना चाहिए। 30 अगस्त की शाम 3.33 बजे से शुरू होने वाली चतुर्थी तिथि 31 अगस्त को शाम 3.22 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर दो बजे तक रहेगा।
इस बार है खास योग
ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दिन में हुआ था। उस दिन बुधवार था। इस साल भी कुछ ऐसा ही संयोग बन रहा है। 31 अगस्त से नौ सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा।
कोरोना के बाद गणेश महोत्सव की धूम
पंडित विनोद झा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो वर्ष से गणपति उत्सवों के पंडाल सूने रहे, लेकिन इस बार भक्तों में उल्लास देखा जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चकराता रोड से लेकर सभी बाजारों में गणपति की मूर्तियों का बाजार लगा है।