उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की सीमा पर बसे गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार स्तिथ कौड़िया चैक पोस्ट पर प्रसाशन द्वारा कई विभागों की चेकपोस्ट टैक्स वसूली और अपराध नियंत्रण के लिए बनाई गई है। जिसमे पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग(एआरटीओ), वाणिज्य कर विभाग, वन विभाग और आबकारी विभाग की चैकपोस्ट आती है। लेकिन यहा मौजूद अधिकारियो और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते प्रतिदिन यहा लाखो का टैक्स चोरी कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है आला उच्च अधिकारी भी यहा निरीक्षण करने नही पहुचते। इसके साथ ही पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग में लापरवाही करने के कारण ज्यादातर बाहरी व्यक्ति यहा से होते हुए गढ़वाल की शांत वादियों में बस जाते है और अपराध को बढ़ावा देते है, और इनके सत्यापन में लापरवाही होने के कारण अपराध करने के बाद इन्हें ढूंढना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है। आज भी कोटद्वार थाने का अपराध रजिस्टर उठाकर देखें तो उसमें 80% से ज्यादा मुकदमे उत्तर प्रदेश और हरियाणा आदि से आकर बसे लोगो के नाम पर दर्ज होंगे। यही कारण है कि पिछले कुछ महीनोे में पौडी और सतपुली में कई चोरी की वारदात हुई, इसके साथ ही धोखाधड़ी, लव जेहाद जैसी घटनाएं भी बढ़ी, और कोटद्वार की तो बात ही अलग है यहा तो आये दिन बाहरी व्यक्तियों द्वारा अपराध किया जाना आम बात हो गयी है, इसके अलावा गढ़वाल में बसे भू माफिया और खनन माफिया भी बाहरी है। पर हमारे राजनेताओं के इनसे मिले होने के कारण प्रसाशन भी कही कही इन पर हाथ डालने से डरता है या इनसे मिल जाता है हालांकि ऐसा हमेशा नही होता पर ज्यादातर देखने को मिल जाता है। और इसका एक ही हल है कि आम जनता यानी कि आप और हम मिलकर इनका सामना करे और इन पर लगाम लगाए। आज जब हमारी पहाड़ की माताओ, बहनों ने शराब कारोबारियों का विरोध किया और उन्हें कही न कही कामयाबी भी मिली तो हमे भी इस तरह की मुहीम में शामिल होकर हर तरह के गलत कार्यो को रोकने में सबका साथ देना चाहिए क्योंकि ये परेशानी किसी एक कि नही हर किसी की है। इसलिए हमें एकजुट होकर ऐसे अपराधियो और माफियाओं का मुह तोड़ जवाब देना चाहिए, जिससे इन पर लगाम लग सके।