देहरादून: देहरादून में मानसून की पहली बारिश ने ही यहां के इंतजमों की पोल खोलकर रख दी है। इसका उदाहरण दून अस्पताल की गायनी विंग में देखने को मिला I
दून अस्पताल के निक्कू वार्ड, लेबर रूम समेत कई वार्डों में नालियों का गंदा पानी और मलबा घुस गया। जिसके बाद 11 नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। अब इस वार्ड को फ्यूमिगेट करने के लिए 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं लेबर रूम में जैसे तैसे करके काम चलाया जा रहा है।
वहीं इस दौरान अस्पताल में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को संक्रमण का खतरा बना है। अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ ने तत्काल सफाई कर्मचारियों को लगाकर साफ सफाई करवाई। पूरे वार्ड, नर्सिंग स्टेशनों एवं कार्यालय में कीचड़ हो गया।
महिला विंग इस वक्त गहराई में चली गई है। इसके चारों ओर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बन गई है और ड्रेनेज का कोई सिस्टम यहां पर नहीं है। जिसकी वजह से हल्की बारिश में ही अस्पताल तालाब बन जाता है और बरसात के मौसम में यहां पर डॉक्टर स्टाफ मरीज और तीमारदारों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। आरोप है कि प्रबंधन की ओर से यहां पर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा, ‘नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। उसी में गायनी विंग शिफ्ट होनी है। पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त कर नई बिल्डिंग बनाया जाना है। जिसमें ड्रेनेज का पूरा सिस्टम दिया गया है। एक जुलाई से ओटी बिल्डिंग चलने पर वहां गायनी विंग चलेगी। जिसके बाद समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।’