देहरादून: शिमला पिस्तौर में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप के संदिग्ध परिस्थिति में आग लगने से लोगों में हडकंप मच गया है। जिसको लेकर पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच के साथ एफआईआर करवाने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल, बुधवार सुबह शिमला पिस्तौर स्थित गुरुद्वारा साहिब से आठ बजे के करीब जब धुआं उठता दिखा तो गांव में हड़कंप मच गया। अंदर दरवाजा खोला तो गुरुग्रंथ साहिब का स्वरूप आग की भेट चढ़ चुका था। इसकी सूचना गांव वालों ने गुरुद्वारा नानकसर ठाठ को दी I जिस पर नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब कमेटी प्रधान हरबंस सिंह चुघ, डायरेक्टर निर्मल सिंह हंसपाल, गुरुद्वारा नानकपुरी टांडा साहिब के बाबा गुरजंट सिंह, नानकसर ठाठ के बाबा सुखचैन सहित संगत के अन्य लोग वहां पहुचे।
सूचना पर सहायक पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सहित प्रभारी निरीक्षक विक्रम राठौर भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान गांव में एक और गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप के स्थापित होने की जानकारी पर कमेटी ने वहां का भी निरीक्षण किया। वहां गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा का पालन न होते देख कमेटी ने गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को रुद्रपुर गोल मार्किट स्थित गुरुद्वारे में रखे जाने का निर्णय लिया।
इस दौरान प्रधान हरबंस चुघ ने मर्यादा स्वरूप गुरुद्वारे के निर्माण के उपरांत स्वरूप को विधिवत वहां स्थापित करने का भरोसा दिलाया। वहीं, सूचना पर हल्द्वानी की फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी। साथ ही अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाने के लिए पुलिस को प्रार्थनापत्र दे दिया।
फॉरेंसिक जांच के उपरांत गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया विधिवत सम्पन्न होगी। इसके लिए कमेटी के लोग तैयारी में लगे है। सहायक पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर ने कहा एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए है।