देहरादून: आज प्रदेशभर में चक्का जाम होने के कारण जनजीवन प्रभावित दिखा I प्रदेशभर में 80 हजार से ज्यादा विक्रम, ऑटो, बस और ट्रकों के पहिये थमने से परेशानी खड़ी हो गई।
आज मंगलवार को संभागीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से 10 वर्ष की आयु सीमा पूर्ण कर चुके डीजल चालित तिपहिया वाहनों को सड़कों से हटाने के आदेश के खिलाफ स्वैच्छिक चक्का जाम का एलान किया गया है। देहरादून और ऋषिकेश में चक्का जाम का मिलाजुला असर देखा गया। वहीं टैक्सी और तिपहिया वाहनों की हड़ताल के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बड़ी संख्या में वाहन चालक और स्वामी विधानसभा घेराव के लिए यहां से राजधानी देहरादून के लिए रवाना हुए।
वहीं, ऑटो और बस यूनियनों के वाहन चालक देहरादून के बन्नू स्कूल में एकत्रित हुए जहां से उन्होंने सचिवालय कूच किया। इस दौरान बड़ी संख्या में वाहन स्वामी देहरादून पहुंचे। इस दौरान वाहन न चलने से लोग सड़कों पर भटकते दिखे।
सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने कहा कि आरटीए ने केंद्र के नियमों के विपरीत डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का निर्णय लिया है। वहीं, परिवहन विभाग ने डोईवाला के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में गलत तरीके से वाहनों की फिटनेस अनिवार्य की है। इस पर उनका खुला विरोध है।
उधर, देहरादून में विक्रम जनकल्याण सेवा समिति चक्काजाम से पीछे हट गई है। समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने बताया कि आरटीए की बैठक के विरोध में विक्रम मालिक विधानसभा कूच में शामिल हुए, लेकिन शहर में जनता की मांग को देखते हुए विक्रमों का संचालन सभी रूटों पर जारी रहा।