देहरादून- नेहरू कॉलोनी निवासी जयप्रकाश भदरी ने बताया कि वह 15 मई 2016 को एजेंट की मदद से दुबई में मर्चेट नेवी में नौकरी करने गए थे। वह एल्फोशिपिंग कंपनी में फ्यूल ट्रेडिंग शिप में थे। उनके साथ कंपनी में पंजाब के विक्रम सिंह, हिमाचल के अमित चंदेल, केरल के शुभित केसकुमारन, यूपी के हरेंद्र सिंह, हरियाणा के नायब सिंह और एक श्रीलंका का युवक था। उन्होंने बताया कि कंपनी के घाटे में चलने के कारण उन्हें 11 माह से वेतन नहीं मिला। जब उन्होंने वापस जाने की बात कही, तो उन्हें कांट्रेक्ट का हवाला देकर रोक लिया गया, इस बीच उनके पास खाने तक के पैसे नही थे। जयप्रकाश ने बताया कि आठ अप्रैल 2017 को उनके वीजा की समयसीमा भी समाप्त हो गई थी। वीजा खत्म होने के कारण वह दुबई में पकड़े न जाएं इस डर से उन्होंने 10 अप्रैल को दुबई स्थित भारतीय एंबेसी से ऑनलाइन हेल्प मांगी। एंबेसी के अधिकारियों ने उनकी समस्या सुनी और शीघ्र मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद एक जुलाई को उनकी भारत वापसी हुई।
जयप्रकाश ने भारत सकुशल वापसी के लिए केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय का आभार जताया।