डीएम दीपक रावत ने मनाया शहीद की माँ का जन्मदिन

हरिद्वार। जनपद के डीएम आवाम के बीच जिस तरह से तेजी के साथ लोकप्रिय होते जा रहे हैं उससे यही बहस छिडी हुई है कि अगर राज्य के तेरह जिलों के डीएम भी इसी तरह से आवाम के दर्द को महसूस कर उसे राहत देने के लिए आगे आये तो हकीकत में राज्य की तस्वीर ही बदल जायेगी। डीएम आज अचानक एक शहीद मेजर के घर पर दस्तक देने के लिए पहुंच गये और उन्होंने शहीद मेजर की मां के जन्मदिन पर उन्हें फूलों का गुलदस्ता दिया और जन्मदिन की बधाई भी दी। बारह साल से जवान बेटे मेजर के शहीद होने का दर्द मां अपने सीने में इस कदर संजोये हुए थी कि उन्होने न तो आज तक होली मनाई और न ही दीपावली पर अपने घर को रोशनी से गुलजार किया। बेटे का गम उसकी मां के मन में हमेशा से उन्हें अपने घर में ही कैद रखे हुए है लेकिन आज जनपद के डीएम ने जब शहीद मेजर के घर पर अचानक दस्तक देकर उनकी मां को जन्मदिन पर जिस भावुकतापूर्ण तरीके से शुभकामना और फूल का गुलदस्ता दिया उससे उन्हें कहीं न कहीं एक मां को यह आभास करा दिया कि उनका शहीद बेटा किस तरह से आवाम के दिलों में आज भी बसता है।
आज मेजर सुभम की माँ का दरसल जन्मदिन था ।बेटा जब तक था तो अपनी मां का जन्मदिन बेहद खास तरीके से बनाता था लिहाजा बेटे के शहीद होने के बाद घर में ना तो कोई त्यौहार मना और ना ही मां का जन्मदिन लेकिन आज जैसे ही हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत को यह मालूम हुआ कि हरिद्वार के कनखल स्थित ज्ञान लोक कॉलोनी में मेजर शुभम की मां अकेली रहती हैं वह फौरन ही सुबह मेजर शुभम के घर पहुंच गए घर में ना कोई जन्मदिन की तैयारी थी और ना ही कोई व्यवस्था लिहाजा अचानक पहुंचे डीएम रावत ने मां को बड़े ही सहज तरीके से जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और किसी भी समस्या में याद करने के लिए दीपक रावत ने आश्वासन भी दिया। घर मे जैसे ही दीपक रावत पहुँचे वैसे ही घर का माहौल बहुत ही भावुक हो गया। शहीद की माँ श्री मति आशा अग्रवाल को दीपक रावत ने अपने हाथों से मीठा खिला कर जन्मदिन की शुभकामनाये दी शाहिद मेजर शुभम अग्रवाल की माँ का कहना है कि कई साल बाद घर मे रौनक सी हो गयी थी ।डीएम रावत बिलकुल उनके बेटे की तरह ही लग रहे थे ।उनका मन नही कर रहा था कि वो उसके पास से उठे ।आशा अग्रवाल कहती है कि घर मे अकेले रहते हुए वैसे तो उन्हें अब आदत सी हो गयी है लेकिन आज फिर से बेटे की याद ताजा हो गयी क्योंकि बेटा होता था तो आज का दिन बहुत ही अच्छे से जन्मदिन मानता था ।
उधर दीपक ने कहा कि पीएम ओर सीएम त्रिवेंद्र ने पहले ही सभी अधिकारियो से कहा है कि सभी शहीदों के घर जाकर उनका हालचाल जानते रहे ।वो कहते है कि सुभम ने देश के लिए बेहतर काम किया है इस लिए उनकी माँ का आज जन्मदिन है उन्हें जैसे ही मालूम हुआ वो खुद को रोक नही पाये ।ओर सीधे शहीद के घर आ गए । शहीद की माँ ने जैसे हो गले लगाया वैसे उन्हें काफी गर्व महसूस हुआ । डीएम की माने तो शहीद के घर जाकर उनके घर वालो का हाल चाल हम सब को पूछना चाहिए। शहीद शुभम की माँ के नजदीक रहने वाली समाज सेवी डॉ प्रविता पांडेय कहती है कि अगर सभी अधिकारी इसी तरह से शहीदो के घर जाकर उनके घर वालों का हाल-चाल जानते हैं तो एक अच्छा मैसेज समाज मे जाता है लिहाजा आज हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने शहीद की मां के घर आ कर उनका जन्मदिन मना कर बहुत अच्छा काम किया। देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों के घर में अगर इसी तरह से प्रशासन व पुलिस के अफसर उनके परिवार का सुख-दुख बांटने के लिए आगे आये तो उससे उस परिवार को महसूस होगा कि उनके लाल ने भले ही देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी हो लेकिन सरकारी अमला उनकी देखभाल वैसे ही कर रहा है जैसा उनका लाल किया करता था।

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