नाबालिक से दुष्कर्म के मामले में मुख्य अभियुक्त को 20 साल कैद

पौड़ी- दो वर्ष पूर्व हुए नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने मुख्य अभियुक्त को 20 साल की कैद के साथ ही उस पर 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

न्यायालय ने इस मामले में साजिश में शामिल दंपती समेत तीन अन्य अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई। उन पर तीन-तीन हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश भी दिए हैं।
पीढित के साथ पढ़ने वाले नाबालिक सहपाठी का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण करीब दो साल पहले सामने आया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोटद्वार तहसील क्षेत्र की कक्षा 11वीं में पढ़ रही छात्रा के साथ उसके सहपाठी और गांव के एक युवक ने दुष्कर्म किया। मामले का पता तब चला जब गर्भवती होने पर छात्रा की तबीयत खराब हुई।

इस पर मुख्य आरोपी जय प्रकाश के साथ ही सहपाठी छात्र के पिता घनानंद, माता संगीता और आशा कार्यकर्ता सुमित्रा 26 जुलाई 2015 को पीड़िता को पहले कोटद्वार संयुक्त चिकित्सालय और तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर नजीबाबाद स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए।

इस बीच उन्होंने पीड़िता के चाचा और बुआ को भी हरिद्वार से वहां बुला लिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक छात्रा की इस अस्पताल में डिलीवरी कराई गई, लेकिन नवजात को बचाया नहीं जा सका।

मामला संज्ञान में आने पर पीड़िता के चाचा ने 9 अगस्त 2015 को राजस्व पुलिस में मामला दर्ज कराया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कंवर सेन की अदालत ने इस पर फैसला सुनाया।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक अदालत ने मुख्य आरोपी जय प्रकाश को दोषी करार देते हुए बीस साल की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माना, पीड़िता के सहपाठी के माता पिता और आशा कार्यकत्री को तीन-तीन साल की सजा सुनाई  गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने पैरवी की।

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