देहरादून- पिछले कई सालों से उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा अनुबंधित मीरापुर,खतौली व अन्य स्थानों के ढाबा संचालकों द्वारा कोटद्वार, हल्द्वानी, देहरादून, दिल्ली के यात्रियों के साथ की जा रही लूट और गुंडागर्दी पर भले ही परिवहन अधिकारी और विभाग द्वारा कोई कार्यवाही न कि गई हो, लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर ने आखिरकार परिवहन विभाग को ऐसे ढाबो के खिलाफ कार्यवाही करने को मजबूर कर दिया है। जी हां ताजी घटना कुछ दिन पूर्व की ही है जब उत्तराखंड परिवहन की बस के एक यात्री से 2 पराठे का बिल 190 रूपये लेने वाले खतौली के ढाबे शेर-ए-पंजाब ढाबे की लूट और गुंडागर्दी की वीडियो उनसे सोशल मीडिया पर डाल दी जो कुछ ही घण्टो में आग की तरह फैल गयी और यात्रियों से खाने के नाम पर लूट करने वाले इस ढाबा संचालक पर लोगो ने सोशल मीडिया पर जम कर अपनी भड़ास निकाली। इस बात को गंभीरता से लेते हुए परिवहन विभाग ने भी तत्काल कार्यवाही करते हुए इस ढाबे से अनुबंद ख़त्म कर दिया। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने जानकारी दी कि यात्री की एक यात्री की शिकायत पर चालक ओर परिचालक से पूछताछ के बाद उक्त शिकायत सही पायी गयी। जिसके बाद, उक्त ढाबे का अग्रीमेंट ख़त्म कर दिया गया, साथ ही ये भी कहा कि भविष्य में भी यदि कोई अनुबंधित ढाबा संचालक यात्रियों से इस तरह की लूट करता है तो उसके खिलाफ सिकायत आती है तो उनके खिलाफ भी इसी प्रकार कार्यवाही की जायेगी।
आपको बता दे कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बस नंबर 3245 UK07PA के कंडक्टर व ड्राइवर द्वारा बीते सोमवार रात लगभग 10:30 बजे खतौली के निकट “शेर-ए-पंजाब” ढाबा पर रोकी गयी थी, इस बस में देहरादून निवासी संजय भट्ट ने भी 2 आलू पराठे खाए थे, 2 आलू परांठा खाने के बाद उनका बिल 190 बताया गया। जबकि उसका तय मूल्य 30 रुपये था।
जब उन्होंने इस संबंध में ढाबा संचालक से सवाल जवाब किये और विरोध किया तो वो बत्तमीजी से बात करने लगे। जिसके बाद बिल देने की शर्त पर उन्होंने वहां पर 190 रूपये का बिल भुगतान किया जिसके बाद आक्रोशित यात्री संजय भट्ट ने फेसबुक पर सभी तथ्यों के साथ इस पूरी घटना की पोस्ट डाल दी जो कई लोगो ने शेयर की और ये खबर समाचारपत्रों में भी प्रकाशित हुई। साथ ही सोशल मीडिया पर ही सीएम त्रिवेन्द्र रावत व परिवहन मंत्री को भी इस पर कार्यवाही करने की बात कही। जिसके बाद परिवहन विभाग को मजबूरन ढाबे पर कार्यवाही करनी ही पड़ी। हम इसलिए ऐसा लिख रहे हैं। छोटे से उत्तराखण्ड में दूर दराज से लोग आते है जिनमे वो भी शामिल है जो बॉर्डर पर हमारे देश की रक्षा करते है पर देश के अंदर बैठे ऐसे ढाबा संचालक इस तरह लोगो को लूटते है तो दिल जरूर दुखता है क्योंकि किसी गरीब यात्री की जेब मे कितना पैसा है वो सुख या दुख में यात्रा कर रहा है ये सब न सोचते हुए जिस तरह इन ढाबा संचालको की गुंडागर्दी बढ़ी है उन पर संजय भट्ट जैसे यात्रियों ने लगाम लगाने का एक प्रयास किया है जो सफल भी हुआ है। इसलिए ऐसे लोगो को विरोध जरूर करे अपनी मेहनत का पैसा लूटने न दे।