नई दिल्ली(एजेंसी)- देश की राजधानी दिल्ली जल्द ही भिखारियों से मुक्त होगी। दरअसल नन्हें बच्चों को भिखारी बनाकर पैसा कमाने वालों के खिलाफ बाल आयोग हरकत में आ चुका है। राजधानी में ऐसे करीब 35 विभिन्न स्थलों को चिह्नित किया गया है। जहां यह माफिया हाल के कुछ महीनों में सक्रिय हुआ है।
अभी तक कनॉट प्लेस को सबसे अधिक प्रभावित इलाका माना जाता है। हाल ही में आयोग ने एक सर्वे किया। जिसमें यह बात सामने आई कि अब यह माफिया करोल बाग, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, चावड़ी बाजार, जोर बाग, दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई नई जगहों पर अपने पैर जमा रहे हैं। इन्होंने अपने काम करने के तरीके में भी परिवर्तन किया है।
अभी तक जहां किसी एक चौक- चौराहे पर बहुत सारे बच्चों को रखा जाता था। वहीं अब इनकी संख्या को घटाकर तीन से चार कर दिया गया है। बाल आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट से मिले तथ्य चौकाने वाले हैं। जिस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने ऐसे सभी इलाकों की एक सूची तैयार कर ली है। बाल आयोग से मिली जानकारी अनुसार कुछ जगहों से सूचना एवं शिकायतें मिली हैं। जिसके आधार पर एक योजना को तैयार किया गया है। इसके लिए पुलिस प्रशासन के सहयोग की भी जरूरत है
आयोग सदस्य यशवंत जैन ने कहा कि इन बच्चों को जेजे एक्ट के तहत भिखारी नहीं बनाया जा सकता है। यह अपराध है, इस बारे में पुलिस और आयोग उपलब्ध कानूनी जानकारी को साझा करेंगे। ताकि इन बच्चों को भिखारी बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करते समय कोई रुकावट उत्पन्न न हो। गिरफ्त में आने पर माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।