दिल्ली धमाका जांच में बड़ा खुलासा: लालकिला पहुंचने से पहले पीएम आवास, कर्तव्य पथ व कई संवेदनशील जगहों पर घूमता रहा डॉ. उमर; तीन संदिग्ध रूट सामने आए, दो साथी अब भी फरार

दिल्ली धमाका मामले में बड़ा खुलासा: लालकिले से पहले पीएम आवास भी पहुंचा था आरोपी डॉ. उमर, तीन रूट सामने आए; दो साथी फरार

नई दिल्ली। रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुए 10 नवंबर के धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। मुख्य आरोपी डॉ. मोहम्मद उमर नबी ने धमाके से ठीक 24 घंटे पहले पूरी दिल्ली में घूमते हुए कई संवेदनशील लोकेशन को कवर किया, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट जैसे हाई-प्रोफाइल क्षेत्र भी शामिल हैं। जांच एजेंसियां उसके मूवमेंट, उद्देश्य और संभावित टारगेट की हर कड़ी जोड़ने में लगी हैं।

विशेष सूत्रों के अनुसार, उमर धमाके से पहले लगातार 24 घंटे घूमता रहा। वह न कहीं रुका, न किसी के साथ ज्यादा समय मिला। इससे सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि वह बम रखने या किसी वीआईपी लोकेशन को टारगेट करने का अवसर तलाश रहा था।


दो साथी फरार, दिल्ली-NCR में छिपे होने की आशंका

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि उमर नबी के दो साथी अभी भी फरार हैं। आशंका है कि दोनों दिल्ली-एनसीआर में कहीं छिपे बैठे हो सकते हैं। इनकी तलाश के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि 9 नवंबर रात 11:30 बजे आरोपी केएमपुर से दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ा और रिवासन टोल के पास से फरीदाबाद व फिरोजपुर झिरका की ओर गया। यहां वह कुछ देर हाईवे के आसपास घूमने के बाद दोबारा फरीदाबाद होकर बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल हुआ।


आश्रम चौक बना मुख्य केंद्र: उमर के तीन रूट सामने आए

जांच में मिले GPS और CCTV फुटेज के आधार पर उमर ने दिल्ली में घूमने के तीन प्रमुख रूट को बार-बार इस्तेमाल किया।

पहला रूट : नोएडा–मयूर विहार की ओर

  • आश्रम चौक

  • डीएनडी

  • मयूर विहार

  • नोएडा क्षेत्र तक

  • वापस आश्रम चौक

दूसरा रूट : इंडिया गेट – साउथ दिल्ली जोन

  • आश्रम चौक

  • नई दिल्ली

  • इंडिया गेट

  • अकबर रोड

  • तुगलक रोड

  • आईएनए मार्केट

  • रिंग रोड

  • पुनः आश्रम चौक

तीसरा रूट : VIP जोन से लालकिले तक

  • आश्रम चौक

  • कर्तव्य पथ

  • राष्ट्रपति भवन

  • धौला कुंआ

  • पंजाबी बाग

  • वजीरपुर

  • कनॉट प्लेस

  • लालकिला (जहां पार्किंग में कुछ समय रुका)

इस रूट से स्पष्ट है कि आरोपी PM आवास और VIP सुरक्षा जोन में भी पहुंचा था।


अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक फिर सुर्खियों में—पूर्व में जेल काट चुका है

धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम भी उभर रहा है। आरोपी उमर व उसके दो साथी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं।

यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी (61) पर भी पुरानी गंभीर FIR दर्ज रही हैं।

  • वह 3 साल जेल में रह चुका है।

  • चिटफंड घोटाले में 14–15 केस दर्ज हुए थे।

  • IPC की धारा 420, 406, 409, 468, 471 और 120B में FIR (43/2000) भी दर्ज थी।

  • उस पर 7.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप था।

  • बाद में उसने सभी को पैसा लौटाया और केसों से बरी हुआ।


जावेद सिद्दीकी: नौ कंपनियों से जुड़ा, इंजीनियरिंग प्रोफेसर से यूनिवर्सिटी मालिक तक का सफर

  • इंदौर से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई

  • 1992–1994 तक जामिया मिलिया इस्लामिया में असिस्टेंट प्रोफेसर

  • दोनों बेटे और दो बहनें दुबई में रहते हैं

  • नौ कंपनियों में डायरेक्टर—इनवेस्टमेंट, शिक्षा, ऊर्जा, सॉफ्टवेयर, निर्यात और कंसल्टेंसी से जुड़े व्यवसाय

  • इन कंपनियों का पता एक ही—अल-फलाह हाउस, जामिया नगर, जिससे ट्रस्ट भी संचालित होता है


यूनिवर्सिटी पहले भी विवादों में रही

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम पहले भी विवादों से जुड़ चुका है।
धमाके से जुड़े तीनों आरोपी—डॉ. उमर नबी, मुजम्मिल अहमद गनाई और शाहीन शाहिद—किसी न किसी रूप में इस यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं।

जांच एजेंसियां मान रही हैं कि यह मामला संगठित मॉड्यूल से जुड़ा है, जिसकी कई परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं।


जांच जारी, कई बड़े खुलासों की उम्मीद

दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल और केंद्रीय जांच एजेंसियां उमर के डिजिटल डेटा, कार की GPS लोकेशन, मोबाइल चैट, बैंकिंग रिकॉर्ड और यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी दस्तावेज खंगाल रही हैं।

अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में

  • उमर की मंशा,

  • टारगेट लोकेशन,

  • फरार साथियों की भूमिका,

  • और मॉड्यूल की फंडिंग
    से जुड़े कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।

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