देहरादून |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे ने राज्य की शीतकालीन यात्रा को नई दिशा देने की उम्मीदें जगा दी हैं। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री की उपस्थिति और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उन्हें ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की प्रतिमूर्ति भेंट किए जाने से स्थानीय लोगों में उत्साह और गर्व की लहर है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी को पंचकेदारों में शामिल केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति भेंट की। इस पहल को क्षेत्र के पुजारियों, श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने की दिशा में एक शुभ संकेत माना है।
स्थानीय पुजारियों का कहना है कि “ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति का प्रधानमंत्री तक पहुंचना इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पल है। इससे आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की संभावना है।”
🕉️ ओंकारेश्वर मंदिर का महत्व
पंचकेदारों में प्रमुख श्रीकेदारनाथ और द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल के रूप में ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ की विशेष धार्मिक मान्यता है। जब शीतकाल में केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तब श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में दोनों धामों के समान ही दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं।
वरिष्ठ पुजारी शिव शंकर लिंग के अनुसार, “भगवान केदारनाथ और मदमहेश्वर के कपाट बंद होने के बाद उनकी डोलियां ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होती हैं, जहां श्रद्धालुओं को वही पुण्यफल प्राप्त होता है जो मुख्य धामों में होता है।”
📅 महत्वपूर्ण तिथियां
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केदारनाथ धाम के कपाट हाल ही में बंद हो चुके हैं।
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18 नवंबर को द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद होंगे।
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21 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी, जिसके साथ ही इस वर्ष की शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ होगा।
🌄 शीतकालीन यात्रा से बढ़ेगा पर्यटन और रोजगार
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री धामी के साथ हुई बैठक में ओंकारेश्वर मंदिर की शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करने पर विस्तार से चर्चा हुई थी। अब, प्रधानमंत्री को मंदिर की प्रतिमूर्ति भेंट किए जाने के बाद क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि इस यात्रा को सरकारी और पर्यटन स्तर पर विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पर्यटन, स्थानीय व्यवसाय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह क्षेत्र के लिए किसी नए विकास अध्याय की शुरुआत से कम नहीं है।



