Dehradun News: दून लिटरेचर फेस्टिवल में बोले पूर्व सेनाध्यक्ष— तकनीक तेजी से बदल रही, सेना को और गतिशील होना होगा
देहरादून में आयोजित दून लिटरेचर फेस्टिवल के समापन समारोह में रविवार को पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की सैन्य रणनीति, बदलते तकनीकी दौर और भविष्य की आवश्यकताओं पर विस्तार से विचार रखे।
उन्होंने कहा कि आज के समय में युद्ध की शैली और तकनीक दोनों ही तेजी से बदल रही हैं। इसलिए भारतीय सेना को और अधिक गतिशील, तकनीक-उन्मुख और अनुकूलनशील बनने की आवश्यकता है।
ऑपरेशन सिंदूर ने दिया रणनीतिक संदेश
जनरल नरवणे ने अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की सामरिक क्षमता का महत्वपूर्ण उदाहरण है।
उन्होंने कहा—
“इस ऑपरेशन ने साबित किया कि दुश्मनों पर हमला कैसे किया जाता है। आने वाले समय में भी इसी प्रकार की रणनीति और तकनीक का उपयोग करते हुए भारत को अपने सैन्य अभियानों को और प्रभावी बनाना होगा।”
देहरादून को बताया ‘दूसरा घर’
आईएमए की मौजूदगी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देहरादून उनके लिए हमेशा विशेष रहा है।
उन्होंने कहा—
“यहां आईएमए है, इसलिए देहरादून हमेशा से मेरा दूसरा घर रहा है।”
भारत की आर्थिक प्रगति पर भी बोले पूर्व सेनाध्यक्ष
सत्र ‘India @ 2047 – A Century Young Nation’ में बोलते हुए उन्होंने आर्थिक दृष्टि से भारत की चुनौतियों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका और चीन जैसी वैश्विक शक्तियों की बराबरी करने के लिए डबल-डिजिट आर्थिक विकास दर हासिल करनी होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि—
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देश में सैनिक स्कूलों की संख्या दोगुनी हो चुकी है।
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सेना में मशीन लर्निंग, टेक्नोलॉजी रिसोर्सेज और आधुनिक प्रशिक्षण पद्धतियों की आवश्यकता बढ़ रही है।
महिलाओं की समान भागीदारी पर जोर
सत्र में मौजूद विप्रो की ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर रंजीता घोष ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों की शिक्षा में तुलना करने के बजाय हमें शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
उत्तराखंड की पर्यावरणीय चुनौतियों पर गंभीर चर्चा
इससे पहले पर्यावरणविद् अनूप नौटियाल ने उत्तराखंड की नाजुक पारिस्थितिकी, बढ़ती आबादी और बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर चिंता जताई।
फेस्टिवल के संस्थापक समरांत विरमानी ने कहा कि तीन दिनों तक चले इस आयोजन में हुई हर चर्चा ने फेस्टिवल की पहचान को और मजबूत किया है।
‘आत्मनिर्भर का मतलब आत्मविश्वास’ — उद्यमी आदित्य पिट्टी
उद्यमी आदित्य पिट्टी ने कहा कि आज के AI के युग में स्किल और ज्ञान की आवश्यकता पहले से अधिक बढ़ गई है।
उन्होंने कहा—
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नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बाद लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
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भारत 50% ग्रीन एनर्जी की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को मजबूती मिली है।
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“आत्मनिर्भर भारत का वास्तविक अर्थ आत्मविश्वास है।”
उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती के लिए सभी नागरिकों को आगे आने का आह्वान किया।



