मनरेगा के नाम परिवर्तन पर कांग्रेस का देशव्यापी विरोध, रविवार को त्रिपुरा में प्रदर्शन; कर्नाटक में भी उग्र आंदोलन

केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना के नाम में प्रस्तावित बदलाव और कथित तौर पर VB-G RAM-G विधेयक लाए जाने को लेकर कांग्रेस ने देशभर में विरोध का बिगुल फूंक दिया है। कांग्रेस पार्टी अलग-अलग राज्यों में लगातार प्रदर्शन कर रही है। इसी क्रम में जहां कर्नाटक में शनिवार को एक बार फिर जोरदार प्रदर्शन किया गया, वहीं रविवार को पूरे त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाने की घोषणा की गई है।

विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाकर न केवल एक ऐतिहासिक कानून की आत्मा को कमजोर कर रही है, बल्कि करोड़ों गरीब और मजदूर वर्ग के अधिकारों पर भी कुठाराघात कर रही है। पार्टी ने साफ कहा है कि वह इस कदम के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।

त्रिपुरा में राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि पार्टी को योजना के नाम में ‘राम’ शब्द से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस तरह से मनरेगा जैसे ऐतिहासिक कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाया जा रहा है, वह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि इससे जॉब कार्ड धारकों के अधिकार भी छीने जा रहे हैं।”

रॉय बर्मन ने आरोप लगाया कि VB-G RAM-G बिल के तहत हर जॉब कार्ड धारक को 125 दिन का काम देने का प्रस्ताव तो रखा गया है, लेकिन इसके लिए फंडिंग का अनुपात केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 कर दिया गया है। इसका सीधा असर राज्यों पर पड़ेगा और उन्हें पहले से ज्यादा आर्थिक बोझ उठाना होगा। उन्होंने कहा कि कई राज्य पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में यह व्यवस्था उनके लिए भारी साबित होगी।

उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस इस बिल के विरोध में पूरे त्रिपुरा में ब्लॉक स्तर पर रैलियां और प्रदर्शन आयोजित करेगी, ताकि आम जनता को इसके प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके।

कर्नाटक में जारी रहा कांग्रेस का विरोध

कर्नाटक में शनिवार को जी राम जी विधेयक और नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित इस प्रदर्शन का नेतृत्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, मंत्री और विधायक मौजूद रहे।

डी. के. शिवकुमार ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी “गांधी के भारत को गोडसे के भारत में बदलने नहीं देगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा महात्मा गांधी का नाम योजनाओं से हटाने की कोशिश कर रही है, जबकि गांधी ने देश की एकता और आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने मनरेगा से गांधी का नाम हटाने की कोशिश को देशद्रोही मानसिकता करार दिया।

नेशनल हेराल्ड मामले पर भाजपा पर आरोप

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भी शिवकुमार ने केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी राजनीतिक गरिमा खो चुकी है और वह सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक नफरत के चलते कांग्रेस नेताओं के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डी. के. शिवकुमार, मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने बेलगावी स्थित सुवर्ण विधान सौधा में गांधी प्रतिमा के सामने भी इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया था। उस समय राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 8 से 19 दिसंबर तक चल रहा था।

कांग्रेस ने साफ संकेत दिए हैं कि जब तक केंद्र सरकार मनरेगा से जुड़े इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती, तब तक उसका विरोध जारी रहेगा।

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