देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र की मोदी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित होकर सरकारी एजेंसियों के जरिये कांग्रेस नेताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
करन माहरा ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दल के नेताओं का उत्पीडऩ कर रही है। जिसकी कांग्रेस निंदा करती है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई इसी बात का प्रमाण है। करन माहरा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम टंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं ने वर्ष 1937 में की थी।
जिसे अंग्रेजों ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान प्रतिबंधित कर दिया था। इसे महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक त्रासदी बताया था। संकट में फंसे नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की सहायता के लिए कांग्रेस ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किस्त में इसे 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 90 करोड़ रुपये की राशि में से नेशनल हेराल्ड ने 67 करोड़ रुपये अपने कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई।
भाजपा में बैठे लोग और उनके हितैषी, जो कि नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस 90 करोड़ रुपये के ऋण को आपराधिक कृत्य मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता व दुर्भावना से ग्रसित होकर कह रहे हैं। करन माहरा ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल की ओर से ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत आपराधिक कृत्य नहीं है।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा की इस हिटलरशाही के खिलाफ गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन के साथ राजभवन का घेराव किया जाएगा। जिसमें कांग्रेस के प्रदेश संगठन, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, सैनिक प्रकोष्ठ, दून महानगर व्यापार प्रकोष्ठ, एनएसयूआइ के सदस्य प्रतिभाग करेंगे।