Commonwealth Games 2030: भारत को मिली मेजबानी, अहमदाबाद में होंगे शताब्दी खेल — राष्ट्रमंडल आमसभा ने लगाई आधिकारिक मुहर
गुजरात के अहमदाबाद शहर ने इतिहास रच दिया है। राष्ट्रमंडल खेल आमसभा (Commonwealth Games General Assembly) ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी सौंप दी। यह दूसरा मौका है जब भारत इन प्रतिष्ठित खेलों की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2010 में नई दिल्ली में इन खेलों का भव्य आयोजन हुआ था।
आमसभा ने सर्वसम्मति से दी मंजूरी
ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल आमसभा की बैठक में अहमदाबाद को मेजबानी के लिए अंतिम स्वीकृति मिली। कार्यकारी बोर्ड द्वारा अहमदाबाद की अनुशंसा के बाद 74 सदस्यीय आमसभा ने भारत की बोली पर मुहर लगा दी।
इस बैठक में भारत की ओर से संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा, और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा—
“भारत राष्ट्रमंडल खेलों में युवाशक्ति, विविधता, महत्वाकांक्षा और संस्कृति का अनूठा मिश्रण लेकर आया है। यह राष्ट्रमंडल खेलों के नए स्वर्ण युग की शुरुआत है।”
उन्होंने यह भी बताया कि 2034 और आगे के खेलों की मेजबानी के लिए भी कई देशों ने रुचि दिखाई है।
अहमदाबाद ने अबुजा को पछाड़ा, 2030 के खेल होंगे खास
अहमदाबाद के साथ नाइजीरिया के अबुजा ने भी मेजबानी की दावेदारी की थी, लेकिन भारत ने बाजी मार ली। हालांकि, अबुजा को 2034 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पर विचार के लिए सूची में रखा गया है।
2030 के खेलों का यह संस्करण इसलिए भी विशेष है क्योंकि राष्ट्रमंडल खेल 100 वर्ष पूरे करने जा रहे हैं। ऐसे में भारत में इन शताब्दी खेलों का आयोजन एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
पीटी उषा ने जताया आभार, कहा— “भारत पर जताए गए विश्वास के लिए धन्यवाद”
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने मेजबानी मिलने पर खुशी जताई और कहा—
“हम राष्ट्रमंडल खेलों द्वारा जताए गए विश्वास के लिए आभारी हैं। 2030 के खेल एथलीटों, समुदायों और संस्कृतियों को एकजुट करेंगे और राष्ट्रमंडल मूवमेंट की नई सदी की नींव रखेंगे।”
भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षा को भी मिलेगी मजबूती
यह निर्णय भारत की 2036 ओलंपिक मेजबानी की दावेदारी को भी मजबूत करता है। अहमदाबाद पहले से ही ओलंपिक बिड के लिए तैयारियों में लगा है। पिछले एक दशक में शहर में खेल अधोसंरचना को आधुनिक बनाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
2030 में शामिल होंगे 15 से 17 खेल
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने पुष्टि की है कि 2030 खेलों में 15 से 17 खेल शामिल होंगे। इनमें शामिल हैं—
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एथलेटिक्स व पैरा एथलेटिक्स
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तैराकी व पैरा तैराकी
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टेबल टेनिस व पैरा टेबल टेनिस
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बाउल्स व पैरा बाउल्स
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भारोत्तोलन व पैरा पावरलिफ्टिंग
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कलात्मक जिमनास्टिक्स
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नेटबॉल
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मुक्केबाजी
2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में भारत ने करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो प्रारंभिक अनुमान से कहीं अधिक था। 2030 के खेलों के आयोजन को लेकर भारत इस बार वित्तीय प्रबंधन और अधोसंरचना पर विशेष जोर दे रहा है।
केंद्रीय मंत्री मांडविया बोले— “गौरवपूर्ण क्षण”
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा—
“भारत शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा—यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारा देश बड़े वैश्विक आयोजनों की मेजबानी के लिए पूरी तरह सक्षम है। 2047 तक भारत शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल होगा।”
भारत को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिलना न केवल वैश्विक खेल मंच पर देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि भारत को खेल शक्तियों की श्रेणी में भी मजबूत स्थान दिलाता है। अहमदाबाद अब दुनिया की नजरों में एक वैश्विक स्पोर्ट्स सिटी के रूप में उभरने के लिए तैयार है।



