कलेक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया बेटी का एडमिशन, कहा सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे बच्चे तभी सुधरेगी स्तिथी

देश मे सरकारी स्कूलों की बदहाल स्तिथी को सुधारने व साथ ही ग्रामीण छेत्र के लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक अधिकारी ने वो किया जो आप सोच भी नही सकते।छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने अपनी पांच साल की बेटी का दाखिला एक मामूली से प्राथमिक विद्यालय में कराया है। उनका मानना है कि बड़ी ही आसानी से कुछ लोग सरकारी विद्यालयो में कमी निकाल लेते है पर उसमे अपने बच्चों को पढ़ते हुए उस कमी को सुधारने का प्रयास नही करते। वही प्राइवेट स्कूल इस बात का फायदा उठाके अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते है।

पहले तो उन्होंने 9 माह तक बेटी को आंगनबाड़ी में अन्य बच्चों के साथ शुरूआती शिक्षा दिलाई। अब आंगनबाड़ी की पढ़ाई खत्म हुई तो किसी बड़े निजी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा न दिलाकर जिला मुख्यालय के एक सरकारी स्कूल में ही एडमिशन कराकर ठाठ-बाट में रहने वाले अधिकारियों के लिए बड़ा उदाहरण पेश कर दिया। कलेक्टर ने बेटी का एडमिशन प्रज्ञा प्राथमिक विद्यालय में कराया है।

बिटिया हर दिन बिना किसी तामझाम के इस सरकारी स्कूल में पढऩे जाएगी। उसके लिए स्कूल में अलग से कोई वीआईपी व्यवस्था नहीं की गई है। वो अन्य बच्चों की तरह ही शिक्षा हासिल करेगी। जबकि इसी जिले के कई अधिकारी ऐसे हैं जो अपने बच्चों को शुरू से ही बड़े निजी स्कूलों में पढ़ाई करवा रहे हैं। उनके लिए भी जिले के मुखिया की ये पहल एक सीख है। वैसे भी कलेक्टर ने जिले के सभी आंगनबाडिय़ों को मॉडल बनाने का मिशन अपने हाथ में लिया है।

पत्नी के साथ जाकर कराया एडमिशन 
कलेक्टर अवनीश कुमार शरण पत्नी के साथ बेटी को लेकर प्रज्ञा प्राथमिक स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी उपस्थिति में बिटिया का स्कूल में एडमिशन कराया

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