कर्नल अजय कोठियाल के जज्बे को सलाम

सेना के जांबाज का कमाल
केदारनाथ पूरी तरह सुरक्षित
– कर्नल अजय कोठियाल के जज्बे को सलाम,
केदारपुरी को दी थ्रीटियर सुरक्षा
केदारनाथ में इस बार रिकार्ड श्रद्धालु पहंुच रहे हैं। कपाट खुले एक माह भी नहीं हुआ है लेकिन दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या ढाई लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक केदारनाथ के पुनर्निर्माण की पटकथा बुलंद हौसले, विपरीत परिस्थितियों से जूझने और अनथक मेहनत करने वाले सेना के जांबाज कर्नल अजय कोठियाल ने लिखी। कर्नल कोठियाल और उनकी टीम ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों को इतनी मजबूती दी है कि आज हजारों श्रद्धालु बेखौफ केदारनाथ पहुंच रहे हैं। सेना के इस जांबाज और उनकी टीम की प्रशंसा इसलिए बनती है कि आपदा से तहस-नहस हो चुके केदारपुरी तक पहुंचने का रास्ता बनाने के लिए लोकनिर्माण विभाग ने तीन साल का समय मांगा था लेकिन कर्नल कोठियाल के नेतृत्व में निम की टीम ने यह रास्ता तीन माह में ही तैयार कर दिया था। आज केदारनाथ पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि 2013 की तर्ज पर कोई ग्लेशियर भी आता है तो केदारपुरी का कुछ नहीं बिगड़ेगा। कर्नल कोठियाल ने और आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों ने केदारपुरी को थ्रीटियर सुरक्षा दी है। मंदिर के ऊपरी भाग में पहले पत्थरों की मजबूूत दीवार बना दी गई है। यदि चोराबाड़ी से जलसैलाब आएगा तो इस दीवार को डिगा नहीं सकेगा और जलसैलाब दो भागों में बंट जाएगा। इसके बाद यदि सैलाब के साथ बोल्डर व पत्थर आते हैं तो दूसरे चरण में बहुत ही मजबूत लोहे का जाल जो कि 180 मीटर तक फैला है, वह पत्थरों व बोल्डर को रोक लेगा। मंदाकिनी का पानी यदि पूरे वेग से भी तीसरे चरण की सीमेंटिड दीवार से टकराएगा तो भी दीवार का कुछ नहीं बिगड़ेगा। मंदाकिनी का पानी सरस्वती और खुद की नदी से मिलकर केदारपुरी से दूर हो जाएगा। यह सब संभव कर दिखाया है कर्नल कोठियाल व उनकी टीम ने। यह सुरक्षा दीवार सेना ने तैयार की है लोकनिर्माण विभाग ने नहीं, इसलिए इस पर विश्वास किया जा सकता है और दावे के साथ कहा जा सकता है कि केदारपुरी अब पूरी तरह सुरक्षित है।
-गुणानंद जखमोला



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