देहरादून: अग्निपथ स्कीम में आवेदन करने वाले लोगों से जाति और धर्म का कॉलम भरवाने को लेकर छिड़ी राजनीतिक पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि यह तो पुरानी ही व्यवस्था है। यहां तक कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी, जिसके जवाब में आर्मी ने कहा था कि यह बस एक प्रक्रिया है। उस वक्त यूपीए की सरकार थी, लेकिन उसके बाद भी सेना को अखाड़े में लाना और उसे बदनाम करना उचित नहीं है।
पात्रा ने कहा सेना ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हमारी भर्ती में धर्म का कोई स्थान नहीं है, लेकिन युद्ध में यदि कोई दुर्भाग्य से शहीद हो जाता है तो उसके अंतिम संस्कार के दौरान उसकी जरूरत होती है।
उन्होंने आगे कहा कि यह जानते हुए भी संजय सिंह और अन्य पार्टियों के नेताओं ने जैसा सवाल उठाया है, वह दर्द देने वाला है। सेना में भर्ती की प्रक्रिया स्वतंत्रता से पहले की है, लेकिन अब इसे लेकर जानबूझकर राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुरानी प्रक्रिया में किसी भी तरह का बदलाव मोदी सरकार द्वारा नहीं किया गया है। इसके बाद भी जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है ताकि सड़क पर आगजनी हो। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश को जाति के आधार पर बांटा जाए और राजनीति की जाए। अरविंद केजरीवाल तो वह आदमी है, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाया था।