अयोध्या (रामनगरी)।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित ‘प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भावुक और ऐतिहासिक संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने बिना किसी का नाम लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। रक्षामंत्री ने कहा कि आज का दिन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सदियों की प्रतीक्षा के पूर्ण होने का उत्सव है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह वही अयोध्या है, वही पावन भूमि है, जिसने वर्षों तक अपमान और पीड़ा को सहा, जो लंबे समय तक संघर्ष और रक्तरंजित इतिहास की साक्षी रही, लेकिन फिर भी अपनी आस्था को डगमगाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या ने अपने राम, अपने राजा और अपने आराध्य के लिए असहनीय प्रतीक्षा की और आज उस प्रतीक्षा के पूर्ण होने का यह ऐतिहासिक क्षण है।
‘प्राण प्रतिष्ठा केवल मूर्ति की नहीं, जनमानस की थी’
रक्षामंत्री ने कहा कि दो वर्ष पूर्व पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को हुई प्राण प्रतिष्ठा केवल रामलला की मूर्ति की स्थापना नहीं थी, बल्कि यह भारत के जनमानस में पुनः आध्यात्मिक चेतना के जागरण की प्राण प्रतिष्ठा थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज देश में जो कुछ भी हो रहा है और आने वाले वर्षों में जो होगा, वह आने वाले हजार वर्षों की नींव रखेगा। राम मंदिर का भव्य स्थापत्य और उसकी भावना इस विचार को साकार करती है।
‘आज अयोध्या ही नहीं, पूरा विश्व राममय’
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रभु श्रीराम आज केवल अयोध्या को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को अपनी दिव्यता से कीर्ति प्रदान कर रहे हैं। अयोध्या की हर गली, हर चौक, हर द्वार और हर श्वास राममय होकर आनंदित है। यह आनंद केवल अवध या भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्व का हर वह हृदय, जो राम को जानता और मानता है, आज उल्लास से भरा हुआ है।
‘रामकाज में बाधा डालने वालों की स्थिति दुनिया देख रही’
अपने संबोधन में रक्षामंत्री ने कहा कि जब-जब धर्म की स्थापना का प्रयास हुआ, तब-तब कुछ आसुरी शक्तियों ने उसे रोकने का प्रयास किया। उन्होंने रथयात्रा के समय की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि संतों, महंतों और कारसेवकों पर गोलियां चलीं, लाठियां बरसीं और राम का नाम लेने वालों को अपराधी बनाने की कोशिश की गई।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने प्रभु श्रीराम से सीखा है कि समय सबका न्याय करता है। जिन्होंने रामराज्य और अयोध्या के विकास का साथ दिया, वे आज राष्ट्रसेवा में लगे हैं, और जिन्होंने रामकाज में अवरोध खड़े किए, उनकी स्थिति आज पूरी दुनिया देख रही है।”
रक्षामंत्री का यह संबोधन श्रद्धा, आस्था और ऐतिहासिक स्मृतियों से जुड़ा हुआ रहा, जिसने प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह को एक भावनात्मक और गौरवपूर्ण स्वरूप प्रदान किया।



