दोपहर बाद बदला मौसम,केदारनाथ व यमुनोत्री में बर्फबारी,निचले इलाकों में बारिश

देहरादून : उत्तराखंड में दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में बर्फबारी हुई। वहीं, यमुनाघाटी समेत निचले इलाकों में तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई। बर्फबारी के बाद धामों में ठंड बढ़ गई है। प्रदेश की राजधानी दून में भी दोपहर को बारिश की बौछारें पड़ी।
मौसम विभाग ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले चार दिनों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार जताए हैं। मौसम विभाग के अनुसार 30 अप्रैल तक उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के कुछ स्थानों व शेष जनपदों में भी कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश के साथ ही बर्फबारी की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक मई तक राज्य के तीन जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में बारिश व बर्फबारी की संभावनाएं जताते हुए कहा गया है कि इस दौरान एवलांच (बर्फीले तूफान) की संभावनाएं भी बनी हुई है वहीं पहाड़ों पर बारिश व बर्फबारी से भूस्खलन तथा हिमस्खलन की घटनाओं से सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान राज्य के मैदानी भागों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश और बिजली गिरने जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश सरकार को सतर्क रहने की सलाह देते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को भी अलर्ट रखने के लिए कहा गया है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य की सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा का आगाज हो चुका है तथा आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाने के बाद सभी चारों धामों की यात्रा विधिवत शुरू हो चुकी है। चारों धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं लेकिन बीते कई दिनों से धामों में बर्फबारी और बारिश भी हो रही है धामों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है और कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। जिसके कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानियां हो रही है। इस बीच आई मौसम विभाग की ताजा चेतावनी के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती है। राजधानी दून और आसपास के क्षेत्रों में आज यह मौसम का बदलाव देखा जा रहा है बेमौसम बारिश के कारण बागवानी और फसलों को भारी नुकसान पहले ही हो चुका है और अब मौसम ऐसा ही रहता है तो यह नुकसान और भी अधिक बढ़ जाएगा।

Previous articleबच्ची से अश्लील हरकत कर रहे युवक को जनता ने दबोचा
Next articleअंकिता हत्याकांड: गवाह के जेंडर को लेकर छिड़ा विवाद