देहरादून: पिछले साल हुई वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल होने का मामला सामने आया था I जिसके बाद इसपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाई के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी ने उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी है। मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि वन दरोगा के 316 पदों पर भर्ती परीक्षा 16 सितंबर21 से 25 सितंबर 21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी। परीक्षा में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की जांच के बाद पुष्टि हुई है। जिसके बाद साइबर थाने में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है। साथ ही इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी मैमर्स एनएसईआईटी लिमिटेड की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है। बताया कि कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षाएं आयोजित हुई,उनको भी चिन्हित कर लिया गया है। ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग शामिल पाए जाने के संकेत मिले है। ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां नकल के सेंटर थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध सामने आए है।