कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष के पदभार ग्रहण करने के बाद, नहीं दिखती कांग्रेस में कोई बहुत बड़ी टूट की आशंका,

-करन माहरा अधिकतर विधायकों को साधने में कामयाब

देहरादून: आलाकमान द्वारा कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में मची उथल पुथल व बड़ी टूट की आशंका के बीच कल नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के पदभार ग्रहण करने के मौके पर कुछ विधायको की गैर मौजूदगी के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेसी विधायकों की इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से अनुपस्थिति शायद कांग्रेस में होने वाली बड़ी टूट का संकेत है, किन्तु आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के पदभार ग्रहण करते ही कल अनुपस्थित अधिकतर विधायकों की मौजूदगी से स्पष्ट हो रहा है प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कांग्रेस में मचे तूफान को शांत करने में सफल हो रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कल उनके पदभार ग्रहण करने के मौके पर अधिकतर विधायक निजी व अन्य कारणों से अनुपस्थित थे. जिनमें से विधायक गोपाल राणा प्रदेश से बाहर थे. वहीं हरिद्वार से विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद भगवानपुर में हुई किसी घटना के चलते उपस्थित नही हो पाए थे. तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र में हुई दुर्घटना के चलते कार्यक्रम में उपस्थित नही हो पाए थे. इन सभी की सूचना नयनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष को थी, जबकि विधायक तिलक राज बेहड़ व राजेन्द्र भंडारी अस्वस्थता के चलते कार्यक्रम में उपस्थित नही हो पाये थे।

कांग्रेस में नई नियुक्तियों से उथल पुथल जरूर मची थी लेकिन ऐसा लगता है कि अब इस उथल पुथल की तीव्रता कम होकर कांग्रेस के चार विधायकों तक ही सीमित की जा चुकी है। आगे क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन फिलहाल करन माहरा ने इस खेल में सधे हुए कदमों की आहट तो दे दी है।

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