देहरादून।
राजकीय दून अस्पताल में सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब ओपीडी भवन की लिफ्ट अचानक बंद हो गई और उसमें 12 लोग फंस गए। बिजली गुल होने के बाद ऑटोमैटिक जनरेटर तय समय पर शुरू नहीं हो सका, जिससे करीब 20 मिनट तक लिफ्ट में फंसे लोगों की जान सांसत में रही। बिजली बहाल होने और मैनुअल प्रक्रिया से लिफ्ट खोलने के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
जानकारी के अनुसार, सुबह करीब साढ़े 10 से 11 बजे के बीच दून अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग की बिजली अचानक चली गई। सामान्य स्थिति में कुछ ही सेकेंड में ऑटोमैटिक जनरेटर चालू हो जाना चाहिए था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते जनरेटर स्टार्ट नहीं हो पाया। शुरुआत में अस्पताल प्रशासन और मरीजों ने करीब पांच मिनट तक बिजली आने का इंतजार किया, लेकिन इस दौरान लिफ्ट में फंसे लोग अंदर से लगातार बटन दबाकर मदद की गुहार लगाते रहे।
जब काफी देर तक बिजली बहाल नहीं हुई, तो ओपीडी भवन के अधिकारियों ने तकनीकी संवर्ग के कर्मचारियों को सूचना दी। उस समय तकनीकी कर्मचारी पुरानी बिल्डिंग में मोर्चरी के पास बनाए जा रहे टिनशेड में वायरिंग का कार्य कर रहे थे। वहां से ओपीडी भवन तक पहुंचने में उन्हें करीब 10 से 12 मिनट का समय लगा। मौके पर पहुंचकर जांच करने पर पता चला कि जनरेटर ट्रिप हो गया था, जिसकी वजह से वह स्वतः चालू नहीं हो सका। इसके बाद कर्मचारियों ने मैनुअल तरीके से जनरेटर स्टार्ट किया।
इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 20 मिनट का समय लग गया। इतने लंबे इंतजार के दौरान लिफ्ट के भीतर मौजूद लोगों में घबराहट फैल गई। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, लिफ्ट इस दौरान हैंग भी हो गई थी। अंदर फंसे लोगों ने घबराकर सभी बटन दबाने शुरू कर दिए, जिससे स्थिति और जटिल हो गई। अंततः ऑपरेटरों को मैनुअल प्रक्रिया अपनाकर लिफ्ट खोलनी पड़ी और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। प्राचार्य ने अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली है और लिफ्ट में लोगों के फंसने के कारणों की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही, लिफ्ट ऑपरेटर को भी तलब किया गया है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब दून अस्पताल की लिफ्ट में लोग फंसे हों। इससे पहले वर्ष 2020 में भी दो बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एक घटना में छह लोग और दूसरी में तीन लोग लिफ्ट में फंस गए थे। इसके अलावा लिफ्ट को कई बार तकनीकी कारणों से अस्थायी रूप से बंद भी करना पड़ा है, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सक भी फंस चुके हैं।
प्राचार्य का बयान
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने बताया कि अधिकारियों से घटना की जानकारी ली गई है। लिफ्ट में लोग क्यों फंसे, इसकी जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। लिफ्ट ऑपरेटर को तलब किया गया है और यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



