Uttarakhand: हरक सिंह रावत की टिप्पणी पर भड़का सिख समुदाय, कई शहरों से पहुंचे लोग; घर के बाहर किया शबद कीर्तन, मांगी सार्वजनिक माफी

Uttarakhand: हरक सिंह रावत के घर के बाहर कई शहरों से पहुंचे सिख समुदाय के लोग, किया शबद कीर्तन; बयान पर जताई कड़ी नाराज़गी

देहरादून में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा सिख समुदाय को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विवाद गहरा गया है। मंगलवार शाम को देश के विभिन्न शहरों से पहुंचे करीब 30 से 35 सिख समुदाय के लोग डिफेंस कॉलोनी स्थित रावत के आवास के बाहर एकत्रित हुए और शांतिपूर्वक शबद कीर्तन कर विरोध दर्ज कराया।

दिल्ली में थे हरक सिंह रावत, समुदाय ने रखी माफी की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि हरक सिंह रावत मौके पर उपस्थित होकर उनसे सार्वजनिक माफी मांगें। लेकिन जानकारी मिली कि रावत उस समय दिल्ली में थे, जिसके बाद पुलिस ने समुदाय के लोगों को समझाया। करीब एक घंटे तक वार्ता के बाद सभी लोग “बाद में फिर आने” की चेतावनी देते हुए लौट गए।

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा विरोध

अधिवक्ताओं के बीच हरक सिंह रावत द्वारा सिख समुदाय पर टिप्पणी किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वीडियो पर देशभर के सिख समुदाय के लोगों ने नाराज़गी जताई और कड़े विरोध दर्ज किए। इसी के चलते मंगलवार को लोग उनके घर के बाहर इकट्ठा हुए।

पहले भी मांग चुके हैं माफी—बार एसोसिएशन में किया था क्षमायाचन

घटना के बाद, शुक्रवार को अधिवक्ताओं के धरने स्थल पर पहुंचे हरक सिंह रावत ने वहां भी सिख अधिवक्ताओं से माफी मांगी थी। इसके बाद वे बार एसोसिएशन में गए और सार्वजनिक तौर पर क्षमा याचना की।
रविवार को, वह पांवटा साहिब गुरुद्वारा भी गए और लंगर सेवा व जोड़ा सेवा कर अपने बयान पर खेद प्रकट किया। उनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी गुरुद्वारा पहुंचे और समुदाय की भावनाओं के सम्मान में सेवा की।

हरक सिंह रावत का पलटवार—‘भाजपा बोले तो माफ, मैं बोलूं तो धर्म से जोड़ दिया जाता है’

इसी बीच हरक सिंह रावत ने भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि:

“भाजपा के लोग कुछ भी बोल दें, उन्हें सब माफ है। मेरे मुंह से कोई शब्द निकल गया तो उसे धर्म से जोड़ दिया गया। कई बार मजाक में, अपनेपन में कही बातों को तूल देना ठीक नहीं है।”

उन्होंने कहा कि जब वे भाजपा में थे, तब न ईडी थी, न ही उन्हें धर्म विरोधी बताया जाता था।
उन्होंने विधानसभा के एक पुराने प्रसंग और पीएम मोदी-राहुल गांधी वाली टिप्पणी का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा को “दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।”

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