अयोध्या मस्जिद: नई डिजाइन के साथ 31 दिसंबर तक पास हो सकता है नक्शा, मार्च 2026 से शुरू होगा निर्माण
राम मंदिर निर्माण के दो वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2019 के ऐतिहासिक फैसले के तहत मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का आदेश दिया था, जिसके तहत प्रदेश सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर में जमीन दी थी। लेकिन लंबे समय तक डिजाइन और प्रक्रिया संबंधी अड़चनों के चलते परियोजना फाइलों में अटकी रही।
नया नक्शा 31 दिसंबर तक पास कराने की तैयारी
पहले मस्जिद के लिए तैयार की गई आधुनिक डिजाइन पर कई समुदायों और लोगों ने आपत्ति जताई थी। इस डिजाइन में मस्जिद को दो आधुनिक मीनारों और अंडाकार आकार में प्रस्तावित किया गया था, जिसमें पारंपरिक मेहराबें शामिल नहीं थीं। प्रदेश के अयोध्या विकास प्राधिकरण में जमा पूर्व आवेदन भी ट्रस्ट द्वारा प्रक्रियाएं पूरी न करने के कारण स्वतः निरस्त हो गया था।
अब इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने परंपरागत इस्लामी वास्तुकला को आधार बनाते हुए नई डिजाइन तैयार की है। इस नई डिजाइन में पांच मीनारें और एक मुख्य गुंबद शामिल हैं। ट्रस्ट अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि नया नक्शा 31 दिसंबर 2025 तक मंजूरी के लिए विकास प्राधिकरण में प्रस्तुत किया जाएगा।
मार्च 2026 से शुरू हो सकता है निर्माण कार्य
ट्रस्ट को उम्मीद है कि प्राधिकरण से मिली स्वीकृति और आवश्यक औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद मार्च 2026 से मस्जिद के निर्माण का कार्य धरातल पर शुरू हो जाएगा।
धन्नीपुर में आवंटित पांच एकड़ भूमि पर वर्तमान में खुला मैदान है, जिसके एक हिस्से में स्थित मजार पर जायरीन आते हैं।
फंड की कमी बड़ी चुनौती
फारूकी के अनुसार, मस्जिद, वज़ूखाना और परिसर के अन्य निर्माण कार्य पर लगभग 65 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, जबकि ट्रस्ट के पास अभी केवल तीन करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि मस्जिद परियोजना के लिए दान की गति काफी धीमी है और अब तक लोगों की प्रतिक्रिया बहुत सीमित रही है।
तकनीकी कार्य पूरे, प्रशासन से सहयोग
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भूमि की सॉयल टेस्टिंग पूरी हो चुकी है।
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मस्जिद परिसर तक पहुंचने वाले प्रवेश मार्ग के चौड़ीकरण पर प्रशासन से सकारात्मक सहमति बनी है।
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पूरे परिसर का विकास पांच एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा, जबकि मस्जिद का मुख्य ढांचा 1400 वर्ग मीटर में निर्मित होगा।
नई मस्जिद की प्रमुख विशेषताएँ
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मस्जिद में 5 मीनारें और एक विशाल गुंबद होगा।
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5000 पुरुष व महिलाएं एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे।
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परिसर में कैंसर अस्पताल, संग्रहालय, लाइब्रेरी, एवं सामुदायिक किचन का निर्माण।
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रिसर्च सेंटर, शैक्षिक व सामाजिक सुविधाएं भी शामिल।



