Bareilly News: दो दिन में ढहा अवैध शोरूम, धूल के गुबार से थमी राह—बीच शहर में बड़ी कार्रवाई
बरेली में बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) ने रविवार को मौलाना तौकीर रजा के करीबी मोहम्मद आरिफ के अवैध तीन मंजिला शोरूम को ध्वस्त कर दिया। पीलीभीत बायपास रोड पर बने इस व्यावसायिक भवन पर प्राधिकरण की कार्रवाई लगातार दो दिन तक चलती रही। रविवार शाम तक यह इमारत पूरी तरह जमींदोज हो गई।
दो दिन चला ऑपरेशन, तीसरी बार में गिरी इमारत
शनिवार दोपहर BDA की टीम ने अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान शुरू किया।
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तीन बुलडोजर और एक पोकलेन मशीन लगाई गईं
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पर बेहद मजबूत संरचना होने के कारण शनिवार को छह घंटे की कार्रवाई भी नाकाम रही
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कई बार बुलडोजर के वार के बावजूद इमारत खड़ी रही
रविवार सुबह करीब 11 बजे ऑपरेशन दोबारा शुरू किया गया। पोकलेन मशीन से लगातार वार किए गए और लगभग छह घंटे की मशक्कत के बाद शाम 5 बजे यह विशाल इमारत भरभरा कर धराशायी हो गई।
इमारत गिरते ही आस-पास घना धूल का गुबार फैल गया, जिससे कुछ समय के लिए पीलीभीत बायपास रोड पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई।
बिना नक्शा पास कराए बनाया था भवन
BDA के अधिकारियों के मुताबिक,
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यह व्यावसायिक शोरूम बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था।
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वर्ष 2024 में नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर भी दिया गया था।
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लेकिन आरिफ ने सुनवाई में कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का निर्णय लिया।
नामी गारमेंट स्टोर था संचालित
आरिफ ने अपने बरातघर ‘फ्लोरा गार्डन’ के बगल में यह तीन मंजिला भव्य इमारत बनवाई थी, जिसमें एक प्रसिद्ध गारमेंट कंपनी का शोरूम संचालन में था।
शनिवार सुबह BDA और पुलिस की टीम ने शोरूम मालिक को भवन खाली करने के निर्देश दिए।
नोटिस पहले ही दिया जा चुका था, इसलिए कार्रवाई शुरू होते ही स्टोर से बचे-खुचे सामान निकालने की अफरा-तफरी देखने को मिली।
जगतपुर में 16 अवैध दुकानें भी ढहाईं
शनिवार को मुख्य शोरूम पर कार्रवाई के दौरान BDA की टीम ने जगतपुर मार्केट में अवैध रूप से बनी 16 दुकानों को भी पोकलेन मशीन से गिरा दिया।
इसके लिए मजदूरों ने अलग से हथौड़े और घन से दीवारें कमजोर कीं। मार्केट का ध्वस्तीकरण शनिवार शाम तक पूरा हो गया था।
दो दिन की बड़ी कार्रवाई का समापन
लगातार दो दिन तक चले अभियान के बाद BDA की टीम आखिरकार आरिफ के अवैध शोरूम को पूरी तरह खत्म करने में सफल रही। यह कार्रवाई बरेली शहर में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों के खिलाफ प्राधिकरण के सख्त रुख को दिखाती है।



