‘किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी-बहन पैदा न हो’: लालू प्रसाद की बेटी का दर्दनाक आरोप, बोलीं— कल मुझे मारने के लिए चप्पल उठाई गई
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और सारण से पूर्व लोकसभा उम्मीदवार रोहिणी आचार्य ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर विस्फोटक आरोप लगाकर राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है। रविवार सुबह उन्होंने एक्स (Twitter) पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए दावा किया कि शनिवार को घर में उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, यहां तक कि उन्हें मारने के लिए चप्पल तक उठाई गई।
रोहिणी ने लिखा—
“कल एक बेटी, एक बहन, एक शादीशुदा महिला और एक मां को जलील किया गया। गंदी-गंदी गालियां दी गईं। मारने के लिए चप्पल उठाई गई। मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच से पीछे नहीं हटी— इसी कारण मुझे बेइज्जती झेलनी पड़ी।”
उन्होंने आगे लिखा कि शनिवार को उन्होंने मजबूरी में अपना मायका छोड़ दिया।
“कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए मां-बाप, बहनों को छोड़ आई। मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया। मुझे अनाथ बना दिया गया। किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी-बहन पैदा न हो।”
गौरतलब है कि रोहिणी ने 16 नवंबर को ही राजनीति और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान किया था।
अब नवीन पोस्ट में उन्होंने फिर दोहराया कि उनके आत्मसम्मान को बार-बार ठेस पहुंचाई गई।
तेजस्वी यादव के करीबियों पर गंभीर आरोप
शनिवार को ही रोहिणी ने अपने छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तथा उनके करीबी सहयोगी संजय यादव और रमीज पर आरोप लगाया था।
एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा—
“जैसे ही मैंने संजय यादव और रमीज का नाम लिया, मुझे घर से निकाल दिया गया। मुझ पर चिल्लाया गया, गालियां दी गईं और मुझे मारा तक गया। अब मेरा कोई परिवार नहीं है। जो भी जिम्मेदारी है, वह तेजस्वी और उनके साथियों की है।”
उनका दावा है कि बिहार चुनाव में राजद की करारी हार पर सवाल उठाना ही उनके खिलाफ चला गया।
“मैंने पार्टी की हार पर जवाबदेही मांगी, बस यही मेरे लिए अपराध बन गया।”
कौन हैं संजय यादव और रमीज?
रोहिणी ने जिन दो नामों का ज़िक्र किया है, वे तेजस्वी के बेहद करीबी माने जाते हैं—
संजय यादव
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मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले।
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2012 में राजद से जुड़े और रणनीतिकार के रूप में पहचान बनाई।
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2024 में राजद ने उन्हें राज्यसभा भेजा।
रमीज
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तेजस्वी के पुराने मित्र बताए जाते हैं।
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उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से संबंध।
रोहिणी का आरोप है कि इन्हीं दोनों ने उन्हें राजनीति और परिवार, दोनों से दूर जाने को कहा।
मामला अब और गंभीर, परिवार में कलह खुलकर सामने
रोहिणी द्वारा लगातार किए जा रहे पोस्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यादव परिवार में मतभेद अपने चरम पर हैं।
उनके बयान से राजनीतिक हलकों में कई सवाल उठ रहे हैं—
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क्या वास्तव में परिवार में सत्ता संघर्ष गहरा गया है?
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क्या रोहिणी का राजनीति छोड़ना मजबूरी थी?
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तेजस्वी के सहयोगियों की भूमिका कितनी प्रभावी है?
फिलहाल राजद या तेजस्वी कैंप की ओर से इन आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मामला गंभीर है और आने वाले दिनों में इस राजनीतिक-सां家庭िक विवाद पर बिहार की सियासत की नज़र बनी रहेगी।



