नई दिल्ली। फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में घिर गई है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (AIU) ने विश्वविद्यालय की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। संस्था का कहना है कि हाल के दिनों में सामने आए घटनाक्रम विश्वविद्यालय के आचरण और एआईयू के उपनियमों के अनुरूप नहीं हैं।
एआईयू के इस कदम के कुछ ही समय बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट को बंद कर दिया, जिससे छात्रों और शिक्षकों को ऑनलाइन पोर्टल तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।
📢 एआईयू ने दी सदस्यता रद्द करने की जानकारी
भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने अपने बयान में कहा कि किसी भी सदस्य विश्वविद्यालय की सदस्यता तब तक प्रभावी रहती है, जब तक वह “सद्भावपूर्ण स्थिति” में कार्य कर रहा हो। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और हालिया घटनाओं से यह स्पष्ट हुआ है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी वर्तमान में उस स्थिति में नहीं है।
बयान में आगे कहा गया कि—
“उपनियमों के अनुरूप, एआईयू ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है।”
🖥️ वेबसाइट बंद, छात्रों में असमंजस
एआईयू के फैसले के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट और छात्र पोर्टल बंद कर दिए गए हैं। वेबसाइट खोलने पर ‘Access Denied’ या ‘Website Under Maintenance’ का संदेश दिखाई दे रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि अचानक वेबसाइट बंद होने से अकादमिक रिकॉर्ड्स और प्रवेश प्रक्रिया को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है।
🏫 एआईयू क्या है और सदस्यता क्यों महत्वपूर्ण?
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (AIU) देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को जोड़ने वाला एक राष्ट्रीय निकाय है। यह संस्थान मान्यता, शैक्षणिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय समझौते और शिक्षा गुणवत्ता मानकों पर काम करता है।
किसी विश्वविद्यालय की एआईयू सदस्यता रद्द होने का मतलब है कि वह अब कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रमों और अकादमिक समन्वय से वंचित हो जाएगा।
⚠️ शिक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय अल-फलाह यूनिवर्सिटी की विश्वसनीयता और साख पर गहरा असर डाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि विश्वविद्यालय ने शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट नहीं की या सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यह मामला यूजीसी (UGC) तक जा सकता है।
🔍 आगे क्या?
एआईयू के निर्णय के बाद अब सबकी निगाहें अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन पर टिकी हैं। यह देखना होगा कि विश्वविद्यालय इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करता है या नहीं। वहीं, छात्रों और शिक्षकों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही वेबसाइट बहाल करेगा और आगे की कार्यवाही की जानकारी साझा करेगा।



