भरूच (गुजरात): गुजरात के भरूच जिले में बुधवार तड़के एक दवा फैक्ट्री में बड़ा हादसा हो गया। सायखा जीआईडीसी क्षेत्र में स्थित एक फार्मास्यूटिकल फैक्ट्री में अचानक बॉयलर फटने से भीषण विस्फोट हुआ, जिसके बाद पूरी फैक्ट्री आग की चपेट में आ गई। इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि करीब 20 अन्य घायल हो गए। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
भरूच के जिला कलेक्टर गौरांग मकवाना ने बताया कि घटना बुधवार तड़के करीब 2:30 बजे हुई। फैक्ट्री में चल रहे बॉयलर में अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरी इमारत हिल गई और देखते ही देखते आग फैल गई। उन्होंने बताया कि धमाका इतना भीषण था कि फैक्ट्री की इमारत पूरी तरह ढह गई, जबकि आसपास के क्षेत्र में भी उसके झटके महसूस किए गए।
मकवाना ने बताया, “विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इमारत की दीवारें गिर गईं और कई मजदूर मलबे में दब गए। अधिकांश श्रमिक किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। उनके शव बाद में मलबे से बरामद किए गए।”
दमकल विभाग और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। पुलिस, फॉरेंसिक टीम और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायल मजदूरों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत स्थिर बताई जा रही है।
जांच के दायरे में फैक्ट्री की अनुमति और सुरक्षा मानक
जिला प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। गौरांग मकवाना ने बताया कि औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशक (DISH) की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और यह जांच की जा रही है कि फैक्ट्री के पास सभी जरूरी लाइसेंस और सुरक्षा मानक पूरे किए गए थे या नहीं।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम ने घटनास्थल से सबूत जुटाने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि विस्फोट के दौरान कोई अन्य व्यक्ति इमारत के अंदर तो नहीं फंसा है, क्योंकि कुछ मजदूरों ने एक व्यक्ति के लापता होने का दावा किया है।
स्थानीय प्रशासन और सरकार की निगरानी
भरूच प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। राज्य सरकार ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा और घायलों के उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
यह हादसा एक बार फिर से औद्योगिक इलाकों में सुरक्षा मानकों और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर गया है।



