दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा

काशीपुर: दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने के आरोपी पति को एडीजे प्रथम की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दहेज अधिनियम और घरेलू हिंसा के मामलों में अभियुक्त को अलग-अलग सजा सुनाई है। जिला रामपुर के थाना टांडा ग्राम दौलपुरी निवासी राकेश पुत्र पूरनलाल ने 16 अगस्त 2022 को बाजपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उन्होंने अपनी बहन गीता की शादी 16 मार्च 2020 को ग्राम दुधिया कॉलोनी नमुना (बरहैनी) निवासी दिनेश पुत्र रामकिशोर के साथ की थी। उसका पति, जेठ संजीव कुमार, सर्वेश कुमार और सास कमलावती, मामा जय सिंह पुत्र गोकल आदि गीता को कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करते थे। ये लोग दहेज में 5 लाख रुपये की मांग करते थे और उसे मारते-पीटते थे।

कई बार पंचायत होने के बाद भी आरोपियों के व्यवहार में अंतर नहीं आया। इस बीच गीता ने पुत्र दिव्यांश को जन्म दिया। दस अगस्त को उसकी बहन रक्षाबंधन पर मायके आई थी। दो दिन बाद उसके ससुराली बुला ले गए। आरोप है कि 14 अगस्त 2022 की रात्रि पति और ससुरालियों ने ग्राम पसिया कॉलोनी भटपुरी निवासी डॉ. धर्मपाल पुत्र बाबूराम के साथ षडयंत्र कर उसकी बहन गीता की हत्या कर दी। मामले में बाजपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 3/4 दहेज अधिनियम, 493 ए व 304 बी के तहत केस दर्ज कराया था। विवेचना कर तत्कालीन सीओ बीएस भंडारी ने आरोपी पति के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की। अन्य आरोपियों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी।

आरोपी दिनेश की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में केस की नियमित सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। इस पर एडीजे प्रथम की कोर्ट में केस की नियमित सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी एडीजीसी रतन सिंह कांबोज ने की। संबंधित पक्षों को सुनने और साक्ष्य के आधार पर अदालत ने आरोपी को दहेज हत्या, दहेज अधिनियम व घरेलू हिंसा के आरोपों में दोषी पाया। आरोपी पति को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने उसे दहेज अधिनियम में दो वर्ष और घरेलू हिंसा में तीन वर्ष की सजा सुनाई है।

Previous articleसिलक्यारा के सफल रेस्क्यू अभियान ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा: मुख्यमंत्री
Next articleड्राइवर-कंडक्टर की अब नहीं चलेगी मनमर्जी, अधिकृत ढाबों या रेस्टोरेंट पर ही बसें रुकेंगी