राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की हुई बैठक, बैंको को संवेदनशीलता के साथ काम करने के दिए निर्देश

देहरादून: अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्द्धन ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक की| इस बैठक में उन्होंने सभी बैंकों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण आवेदनों का त्वरित निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जरूरतमंदो के ऋण आवेदनों के मामलों में बैंक संवेदनशीलता के साथ काम करे। पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड के दूर इलाकों में रहने वाले लोग आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं पर निर्भर है। पलायन रोकने तथा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में बैंकों की अहम भूमिका है।

अपर मुख्य सचिव ने बैकों को महिला स्वयं सहायता समूहों व ग्रामीणों को स्वरोजगार की ऋण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोडे जाने के भी निर्देश दिए हैं।

राज्य के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभाग ने के. वी. आई. सी., प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अभी तक 2257 आवेदकों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे हैं। साथ ही उद्योग विभाग तथा खादी व ग्रामोद्योग आयोग द्वारा लाभार्थियों को ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। राज्य के एमएसएमई विभाग ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत  8362 आवेदकों के ऋण आवेदन बैंकों को भेजे हैं।

उन्होंने बताया कि बैठक में बैंकों तथा यूएलबी  को हर शुक्रवार कैंप लगाकर ऋण आवेदनों के निस्तारण के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में बैंको को अभी तक पीएम स्वनिधि के तहत 22963 ऋण आवेदन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5960, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 2402, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2257, वीर चन्द्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 257, होम स्टे योजना के तहत 258 ऋण आवेदन प्राप्त हुए है।

उन्होंने आगे बताया कि प्राप्त 34097 ऋण आवेदनों में से विभिन्न बैंकों द्वारा 17503 आवेदन स्वीकृत किए गए है।  बैंकों ने 8241 ऋण आवेदन विभिन्न कारणों से  निरस्त कर दिए हैं। ऋण आवेदनों के निरस्त होने के मुख्य कारणों में आवेदकों द्वारा ई-केवाईसी न करवा पाना, बैंकों की अन्य औपचारिकाताएं पूरी न कर पाना, सिबिल डिफॉल्ट, आवेदकों का बैंकों के सेवा क्षेत्र से बाहर होना है। लगभग 6792 ऋण आवेदन बैंकों में विचाराधीन हैं।

उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखण्ड में बैंकों द्वारा व्यापारिक, सेवा, निर्माण, कृषि सहयोगी गतिविधियों के लिए 10 लाख रूपये तक की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वर्ष 2022-2023 में 90494 लाभार्थियों को 1084 करोड़ 97 लाख रूपये  के ऋण वितरित किए गए हैं। अनुमान है कि इससे अभी तक 205517 लोगों को रोजगार मिला है।

इस बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी. रविशंकर, एसबीआई चीफ मैनेजर अभिषेक नैथानी, डिप्टी सीईओ खादी बोर्ड एस. डी. मासीवाल, बैंक ऑफ बड़ौदा चीफ मैनेजर हुकुम सिंह, उद्योग विभाग, एमएसएमई विभाग तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहें।

Previous articleएसडीएम को बंधक बनाने वाले बदमाश ने काशीपुर में ली शरण, मुठभेड़ में बीजेपी नेता की पत्नी की हत्या
Next articleकरवाचौथ की रात चाँद खेल सकता है आंख मिचोली, जाने अपने शहर में चाँद खिलने का समय