हरीश रावत ने खुद को बताया हिन्दू परिवार की छोटी बहू, जानिया पूरी बात

देहरादून: शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विपक्ष में रहते हुए सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने वाले नेताओं को कड़ी सलाह दी I इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को सरकारी कोठियों के आवंटन के सवाल पर रावत ने पहले तो चुप्पी साध ली। साथ ही नो कमेंट कहते हुए पार्टी नेताओं पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

पूर्व सीएम ने कहा कि मैं तो हिंदू परिवार की सबसे छोटी बहू की तरह हूं। जो भी चाहता है डांट-डपटकर चला जाता है। उधर, रावत ने हरिद्वार जिला पंचायत में आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।

कुछ देर खामोशी के बाद रावत ने अपना ही उदाहरण देते हुए कहा कि जिस वक्त मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तब राज्य में अपनी ही सरकार थी। तब मुझे कुछ सुविधाएं मान्य थी। लेकिन मेरा मानना था कि सरकार के दबाव में संगठन कभी ठीक से काम नहीं कर सकता। फिर मैंने कांग्रेस भवन में ही अपना एक कमरा बना लिया और वहीं से पार्टी को चलाया। आगे रावत ने कहा कि यह वक्त कांग्रेस के लिए तपस्या का वक्त है।

रावत ने कहा कि जिन हालात से कांग्रेस गुजर रही है, वह हमारे लिए तप का वक्त है। तप के बाद ही जनता हमारे लिए पुरस्कार की बात सोचेगी। हरिद्वार में पंचायत चुनाव से पहले तय किए जा रहे आरक्षण पर रावत ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं की लीडरशिप को खत्म करने के लिए साजिश की जा रही है।

चुन-चुनकर सीटों को मनचाहे तरीके से आरक्षित और आरक्षण मुक्त किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही सीएम से भेंट की जाएगी। रावत ने कहा, सीएम विनम्र व्यक्ति हैं पर उन्हें इन विषयों को गंभीरता से देखना चाहिए।

Previous articleखाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने को उठायें कड़े कदम: मुख्य सचिव
Next articleडेंगू से निपटने के लिए अभी तक नहीं किए गए पुख्ता इंतजाम