देहरादून: उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के लिए शुरुआती बारिश राहत लेकर आई है। जिन परियोजनाओं पर पानी की किल्लत का असर था, उनकी रफ्तार बढ़ने लगी है। प्रदेश में बारिश होने के साथ ही यमुना पर बनी व्यासी परियोजना को नई जान मिल गई है। अब यहां की दोनों टरबाइन चलनी शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही बिजली का उत्पादन भी यहां प्रतिदिन दस लाख यूनिट पार होने लगा है।
यमुना पर बनी व्यासी जल विद्युत परियोजना की दोनों टरबाइन चलने के बाद यहां से रोजाना बिजली उत्पादन भी बढ़कर 1.159 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है। उधर, रामगंगा जल विद्युत परियोजना को फिलहाल बंद किया गया है, जिससे करीब दो मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। बरसात में इस डैम में पानी स्टोरेज बढ़ाने के लिए फिलहाल उत्पादन रोका गया है।
उत्तरकाशी के तिलोथ में ओवरहालिंग का काम चल रहा है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। यूजेवीएनएल प्रबंधन का कहना है कि इन सबके बावजूद रोजाना 18 से 19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। यूजेवीएनएल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि बरसात में पानी बढ़ने के बाद परियोजनाओं में उत्पादन भी बढ़ा है। रामगंगा के बंद होने के बावजूद उत्पादन 19 एमयू के आसपास ही चल रहा है।
प्रदेश में पिछले कई दिनों से मानसूनी बारिश के बावजूद बिजली की मांग 50 मिलियन यूनिट का आंकड़ा छू रही है। यूपीसीएल के मुताबिक, मंगलवार को प्रदेश में 50.13 मिलियन यूनिट बिजली की मांग आंकी गई है, जिसके सापेक्ष 46.73 एमयू बिजली उपलब्ध है। बाकी 3.4 एमयू बिजली की आपूर्ति बाजार से खरीदकर की जा रही है। अगर कुछ कमी रही तो कुछ जगहों पर बिजली कटौती भी हो सकती है।