सीमांत जिले की 70 वन पंचायतों को माइक्रो प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लिए वन पंचायतों का चयन कर लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना है। वन विभाग ने जिले की 70 वन पंचायतों का चयन कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। शासन से स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
पंचायतों को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से जिले की 70 वन पंचायतों को माइक्रो प्लान के तहत विकसित करने की योजना है। इन वन पंचायतों को पांच साल तक विकसित किया जाएगा। जिसमें वनीकरण, आग से बचाव, भूमि और जल संरक्षण, नौले धारों का संरक्षण, जड़ी बूटी संरक्षण आदि कार्य किया जाएगा। इन वन पंचायतों की आय में सुधार करने के लिए लीसा, जड़ीबूटी, झूलाघास आदि के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जाएंगे। साथ ही सरपंचों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।