माँ – अश्वनी शर्मा

माँ बनाती थी रोटी
पहली गाय की
आखरी कुत्ते की
एक बामणी दादी की
एक मेहतरानी बाई की

हर सुबह नंदी आ जाता
दरवाज़े पर गुड की डली के लिए

कबूतर का चुग्गा
कीड़ीयों का आटा
ग्यारस,अमावस,पूनम का सीधा
डाकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड का हलवा
सब कुछ निकल आता था
उस घर से जहाँ विलासिता के नाम पर
एक रेडिओ और टेबल पंखा था

आज सामान से भरे घर से
कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय कर्कश आवाजों के

 

Picture- http://www.thebetterindia.com/

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