साउथ कोरिया में मंगलवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार मून जाए-इन को जीत हासिल हुई है। चुनाव के बाद तीन टीवी नेटवर्कों के सर्वेक्षणों में उन्हें 41.4 फीसदी और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंग जून-प्यो को 23.3 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी। चुनाव मैदान में कुल 13 उम्मीदवार थे।एक दशक पुराने कंजर्वेटिव शासन का अंत…
मून की जीत के साथ ही साउथ कोरिया में एक दशक पुराने कंजर्वेटिव शासन का अंत हो गया। नए प्रेसिडेंट पार्क गुन हे की जगह लेगें, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में महाभियोग चला कर संसद ने बर्खास्त कर दिया था। मून बुधवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके बाद वे प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे जो मंत्रिपरिषद बनाएंगे। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को नियुक्ति की पुष्टि के लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी।
नॉर्थ कोरिया शरणार्थी के बेटे
साउथ कोरिया के परमाणु संपन्न नॉर्थ कोरिया के साथ मौजूदा तनाव की पृष्ठभूमि में यह चुनाव हुआ है। देश के वोटर पार्क गुन हे के सत्ता के दुरुपयोग और कथित रिश्वत लेने के मामले से गुस्से में थे। वामपंथी रुझान वाले 64 साल के मून जाए-इन मानव अधिकार मामलों के प्रमुख वकील हैं। वे नॉर्थ कोरिया से आए शरणार्थी के बेटे हैं। 1970 के दशक में स्टूडेंट रहते हुए तत्कालीन शासक पार्क चुंग ही के खिलाफ आंदोलन करने के कारण जेल में भी रहे थे।