नई दिल्ली: भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय क्लस्टर बैठक आयोजित की, जिसमें कनेक्टिविटी, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC), हरित और स्वच्छ ऊर्जा, गतिशीलता और प्रतिभा, सुरक्षा, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और EU के विस्तार जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर, केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और नित्यानंद राय ने किया। वहीं, EU प्रतिनिधिमंडल में जोजेफ सिकेला (अंतरराष्ट्रीय साझेदारी आयुक्त), मार्टा कोस (विस्तार आयुक्त), मैग्नस ब्रुन्नर (आंतरिक मामलों और प्रवासन आयुक्त) और दुब्रावका सुइका (भूमध्यसागरीय और जनसांख्यिकी आयुक्त) शामिल थे।
विदेश मंत्री जयशंकर ने X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि बैठक में कनेक्टिविटी, आर्थिक साझेदारी और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई।
इससे एक दिन पहले जयशंकर ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की और भारत-यूरोप संबंधों को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने भारत और EU के बीच गहरे संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया और इस दौरे के दौरान भारतीय मंत्रियों और EU आयुक्तों की व्यापक भागीदारी को रेखांकित किया।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भारत की दो दिवसीय द्विपक्षीय यात्रा पर आई हैं। नई दिल्ली हवाई अड्डे पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उनका स्वागत किया।
भारत पहुंचने पर वॉन डेर लेयेन ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत यूरोप के लिए एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक साझेदार है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत-EU रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की।
यह वॉन डेर लेयेन की भारत की तीसरी यात्रा है। इससे पहले वह अप्रैल 2022 में द्विपक्षीय यात्रा और सितंबर 2023 में G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आई थीं। वर्षों से, वह और प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों के दौरान नियमित रूप से मुलाकात करते रहे हैं।