देहरादून: उत्तराखण्ड में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ आक्रोश का इजहार करते हुए कांग्रेस ने राज्य सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने में विफल साबित हुई है। जिसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं।
अपने पूर्व पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश प्रवक्ता सुनीता प्रकाश के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में एकत्रित हुए और और नारेबाजी करते हुए गांधी पार्क के समीप पहुँचे। जहां कांग्रेस ने प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार का पुतला फंूककर अपना विरोध जताया। इस मौके पर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की स्थिति निरंतर दयनीय होती जा रही है और सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है।
ं विगत कुछ समय में राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए है, जिसमें महिलाओं को निशाना बनाया गया और उसे पर कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में मुख बधिर एवं दृष्टि बाधित बच्चों की आवासीय संस्था के संचालक द्वारा नाबालिक छात्राओं का यौन शोषण किया गया, जिसे कई सवाल खड़े हो गए, परंतु इस मामले में भी लीपापोती ही की गई और न्याय की उम्मीद काम ही नजर आती है। कुछ ऐसा ही ऋषिकेश में विनीता भंडारी के मामले में भी देखने को आया जहां जंगल में युवती का लाश अध जली मिली। लेकिन पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया और प्रकरण को दबाने का प्रयास किया।
विनीता भंडारी के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी पुत्री की हत्या की गई है, लेकिन इसके बाद भी सरकार और प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से खामोश है। पर्वतीय क्षेत्रों में तो स्थितियां इससे भी ज्यादा विकट हैं। कुछ समय पहले ही उत्तरकाशी के होमस्टे में कार्यरत 18 वर्षीय अमृता रावत को को फांसी पर लटका दिया गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में भी पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से खामोश है।
कांग्रेस का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि विगत 1 वर्ष से महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार को लेकर सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है। जिसका खामिया जा प्रदेश की महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। जो सीधे तौर पर इस और इशारा करता है की राज्य की भाजपा सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में पूर्ण रूप से विफल रही है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्दी से जल्दी महिला उत्पीड़न और बच्चों से दुराचार के मामले में दोषियों को सजा नहीं दिलाई गई तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर पूरे राज्य में धरने और प्रदर्शन करेंगे। जिसकी तैयारी सीधे तौर पर राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।